अधिकारियों ने कहा कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को जिला मजिस्ट्रेट और मुंगेर के पुलिस अधीक्षक को देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पर तत्काल हटाने का आदेश दिया, जिससे एक मृत और एक घायल हो गया, अधिकारियों ने कहा। चुनाव आयोग के बयान में कहा गया है कि पोल पैनल ने मगध डिवीजनल कमिश्नर असंगबा चुबा आओ द्वारा पूरी घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


बिहार के मुंगेर में भड़की हिंसा गुरुवार को फिर जोर पकड़ रही है। गुस्साई भीड़ ने बासुदेवपुर पुलिस चौकी में आग लगा दी है। एसपी ऑफिस पर भी हमला हुआ है। मुफस्सिल थाने में 6 गाड़ियां फूंकी गई हैं। दरअसल, मुंगेर में सोमवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा हुई थी। बुधवार को इसका एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें पुलिस लोगों को बेरहमी से पीटती नजर आ रही थी। इस घटना को लेकर लोगों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है। हिंसा को शांत करने के लिए डीआईजी मनु महाराज सड़कों पर उतर गए।


मुंगेर में बुधवार को वोटिंग थी इसलिए सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त थी, लेकिन गुरुवार को सुरक्षा बलों के जाते ही लोग जमा होने लगे। एसपी आफिस के पास करीब 25-30 हजार लोग जमा हो गए। पुलिस ने बल प्रयोग करने की तैयारी की तो लोगों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने एसपी ऑफिस पर पथराव कर दिया। एक वाहन के शीशे तोड़ दिए। सराय मांडी में सड़क पर आगजनी की गई। वहां तोड़फोड़ की गई। खबर है कि भीड़ ने वहां एक जज के बंगले पर भी पथराव किया है।


सूत्रों के मुताबिक ऐसी खबर आ रही है कि विसर्जन की रात हुई हिंसा में जो लोग घायल हुए थे, उनमें एक बच्चे की मौत हो गई है। इसकी सूचना मिलने के बाद लोगों का हुजूम निकल पड़ा। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। भीड़ में शामिल लोगों ने पथराव और आगजनी की। सूत्रों का यह भी कहना है कि मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण इस मामले में हावी हो गया है। मुंगेर कांड के जरिए विधानसभा के बाकी बचे दोनों फेज के चुनाव को प्रभावित करने की प्लानिंग है। इस वजह से लोगों को भड़काया जा रहा है।

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