स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली भाषा को लेकर राजनीतिक बहस लंबे समय से चल रही है। कोई बच्चों को तीन भाषा सिखाए जाने की वकालत करता है तो कोई किसी एक ही भाषा को पूरे देश में लागू करने की बात कहता है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को एक से ज्यादा भाषा सिखाए जाने से उनके दिमाग का विकास बेहतर तरीके से होता है।



हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति दो भाषा जानता है तो उसके दिमाग के दो अलग-अलग हिस्से ऐक्टिवेट हो जाते हैं। इससे ध्यान देने की क्षमता बढ़ती है। वहीं, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों ने सरकार से बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स और पबजी जैसे गेम्स पर बैन लगाने की अपील की है। उनका कहना है कि ये बच्चों के लिए खतरनाक हैं।



इन तरीकों से छुड़ाएं बच्चे की Nail Biting की आदत
यह प्रमाणित हो चुका है कि जो लोग दो भाषाओं को जानते हैं अटेंशन टेस्ट में वे एक भाषा जानने वालों से बेहतर परफॉर्म करते हैं। कई स्टडीज में यह भी देखा गया है कि डिमेनशिया और अल्टशाइमर्श से मरीजों के स्वास्थ में नई भाषा सीखने पर जल्दी सुधार होता है। इससे उनका दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है।



మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: