
नयी दिल्ली। केरल के कई ज़िलों में बाढ़ की वजह से लोगों को दोतरफा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी से लड़ने की चुनौती के साथ यहां लोग लगातार हो रहे भू-स्खलन का भी सामना कर रहे हैं। जिसमें अभी तक 60 लोगों की मौत हो गई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कोझिकोड और अलप्पुझा जिले से रविवार सुबह एक-एक शव बरामद किए गए, यहां पिछले सप्ताह से मूसलाधार बारिश जारी है।
कन्नूर में मछुआरे और प्रांतीय सेना साझा तौर पर बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में राहत और बचाव का काम कर रही है। वायनाड के कलेक्टर ने बताया है कि अपना घर और संपत्ति को छोड़कर 1 हज़ार से ज़्यादा लोग स्कूल और शेल्टर्स में रह रहे हैं. बाढ़ के चलते लोगों के घर में रखा सारा सामान बाढ़ में बह गया है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार सुबह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और बाढ़ की स्थिति का आकलन किया। साथ ही मलप्पुरम जिले के कवलप्परा और वायनाड जिले के पुथुमाला इलाके में जारी तलाश अभियान को लेकर भी उन्होंने बात की। ऐसा बताया जा रहा है कि यहां पर दो भीषण भूस्खलन होने की वजह से कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
दक्षिणी राज्य के 14 जिलों में 1,318 राहत शिविरों में 1.65 से अधिक लोगों ने पनाह ली है। राज्य के कुछ हिस्सों में मौसम की मार से थोड़ी राहत है लेकिन मौसम विभाग ने वायनाड, कन्नूर और कासरगोड़ में रविवार के लिए रेड अलर्ड जारी किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी रविवार दोपहर को दो दिन के केरल दौरे पर निकलेंगे। वह अपने ससंदीय क्षेत्र वायनाड का दौरा करेंगे, जो सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल है। साथ वो निलाम्बुर में कोट्टाक्कल, मामबाड, एडवान्नापारा राहत शिविरों का दौरा भी कर सकते हैं।
वहीं पिछले दो दिन से बंद कोच्चि स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज दोपहर से विमानों का परिचालन फिर शुरू होगा।
सेना, नौसेना, तटरक्षक बल, एनडीआरएफ, पुलिस बल, स्वयंसेवकों और मछुआरों समेत विभिन्न एजेंसियां बचाव कार्य में लगी हैं। केरल में पिछले साल भी भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही मची थी। इसमें 400 से अधिक लोगों की जान गई थी और लाखों लोग बेघर हुए थे।