
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए। यह मुठभेड़ महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा पर एक संयुक्त अभियान के दौरान हुई, जिसकी पुष्टि एक वरिष्ठ अधिकारी ने की है।
इस ऑपरेशन का नेतृत्व महाराष्ट्र पुलिस की विशेष C-60 कमांडो यूनिट ने किया, जिसमें केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की भी भागीदारी रही। गुरुवार दोपहर विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया था, जिसमें कवंडे क्षेत्र में हाल ही में स्थापित फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) के पास नक्सली गतिविधियों की सूचना मिली थी।
करीब 300 कमांडोज़ की 12 टुकड़ियों और CRPF के जवानों ने कवंडे और नेलगुंडा क्षेत्रों से अभियान की शुरुआत की और इंद्रावती नदी के किनारे की ओर कूच किया। भारी बारिश और कठिन भू-भाग के बावजूद सुरक्षाबलों ने अपनी कार्रवाई जारी रखी।
शुक्रवार सुबह जब सुरक्षाबल तलाशी अभियान चला रहे थे और नदी किनारे घेराबंदी कर रहे थे, तभी नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में C-60 कमांडोज़ ने भीषण प्रतिउत्तर दिया और मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए।
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों को कई हथियार और उपकरण मिले हैं, जिनमें एक ऑटोमैटिक सेल्फ-लोडिंग राइफल, दो .303 राइफलें, एक भरमार बंदूक, वॉकी-टॉकी सेट, कैंपिंग गियर, माओवादी प्रचार सामग्री और अन्य सामान शामिल हैं।
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में दो दिन पहले हुई एक बड़ी कार्रवाई के तुरंत बाद हुई है, जिसमें सुरक्षाबलों ने 27 माओवादियों को ढेर किया था, जिनमें शीर्ष नेता बसवराजु भी शामिल था।
गढ़चिरौली जिला पूर्वी महाराष्ट्र में स्थित है और यह छत्तीसगढ़ से सटा हुआ घना वन क्षेत्र है, जो माओवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता है। इसी कारण यह इलाका अक्सर सुरक्षा बलों की एंटी-नक्सल ऑपरेशनों का केंद्र बनता है।
अधिकारियों ने इस ऑपरेशन को माओवादियों के लिए बड़ा झटका बताया है और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई है। क्षेत्र में अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि बचे हुए माओवादियों को भी ढूंढा जा सके।