भगवान शिव के पांच पवित्र धामों को ‘पंच कैलाश’ क्यों कहा जाता है?
भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत माना जाता है, लेकिन कैलाश मानसरोवर के अलावा भी ऐसे चार अन्य पर्वत हैं, जिन्हें भगवान शिव के निवास के रूप में माना गया है। ये पांचों पर्वत मिलकर 'पंच कैलाश' कहलाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समय-समय पर भगवान शिव इन पंच कैलाश में निवास करते हैं। ये सभी स्थान आध्यात्म, साधना और रहस्य से भरपूर माने जाते हैं।

1. कैलाश पर्वत (Kailash Mansarovar)
कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का मुख्य निवास माना जाता है। यह पर्वत तिब्बत में स्थित है और इसके पास ही मानसरोवर झील है, जिसका जल पीने से जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं। यह भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत से स्वर्ग का मार्ग जाता है। इस पर्वत को अब तक कोई भी नहीं चढ़ पाया है, क्योंकि इसके लिए दिव्य ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

2. आदि कैलाश (Adi Kailash)
आदि कैलाश को छोटा कैलाश भी कहा जाता है। यह उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है। मान्यता है कि भगवान शिव ने यहां तपस्या और ध्यान किया था। यही नहीं, माता पार्वती से विवाह के समय उनकी बारात यहीं रुकी थी। इसके पास ही पार्वती झील है, जिसे मानसरोवर के समान पवित्र माना जाता है।

3. मणिमहेश कैलाश (Manimahesh Kailash)
यह हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है। माना जाता है कि यह स्थान भगवान शिव ने माता पार्वती के लिए बनाया था। पर्वत की चोटी पर स्थित एक चट्टान को शिवलिंग का रूप माना जाता है। यहां मणिमहेश झील स्थित है, जिसमें स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।

4. किन्नौर कैलाश (Kinnaur Kailash)
किन्नौर कैलाश हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित है। मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती की पहली भेंट यहीं हुई थी। महाभारत में उल्लेख है कि भगवान शिव यहां देवताओं की सभा लगाते थे और अर्जुन को यहीं पाशुपतास्त्र मिला था। यहां का शिवलिंग दिन के समय में रंग बदलता है—सूर्योदय पर सफेद, सूर्यास्त पर पीला और रात में काला हो जाता है।

5. श्रीखंड कैलाश (Shrikhand Kailash)
श्रीखंड कैलाश में स्थित शिवलिंग सबसे विशाल माना जाता है। यहां भगवान गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियाँ भी देखी जाती हैं। श्रीखंड कैलाश यात्रा केवल श्रावण मास में होती है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव को चढ़ाई गई भेंटें सीधी गुफाओं में चली जाती हैं। यह यात्रा पंच कैलाश में सबसे कठिन मानी जाती है।

पंच कैलाश की यात्रा श्रद्धा, साधना और साहस का संगम है।
यह पांचों स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से भी अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं। जो भी श्रद्धालु इन धामों की यात्रा करता है, उसे दिव्य अनुभवों की प्राप्ति होती है।

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