बिहार के मुख्यमंत्री और केंद्र की एनडीए गठबंधन के सहयोगी नीतीश कुमार ने पोर्न वेबसाइट्स पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने एक मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'क्या आपको याद है कि पॉर्न साइट चलता है. पता चला है कि उस पर यही सब गलत काम, लड़कियों के साथ जो गलत काम होते हैं उसे उस पर रख देते हैं ताकि लोग देखें. उससे मानसिकता बिगड़ती है.'

 

 


उन्होंने कहा, 'पोर्न साइट पर से ये गंदी चीजें चलाई जाती हैं और लोग उसको देखते हैं. इंटरनेट के सहारे सब कुछ हो रहा है, दुरुपयोग हो रहा है. हमलोगों ने तय कर लिया है कि हम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को भी लिखने वाले हैं कि पोर्न साइट से युवाओं पर गलत असर पड़ रहा है उस पर रोक लगाई जाए. बिल्कुल पूरे देश में, हमारे बिहार समेत सब जगह रोक लगवा दीजिए ताकि वो गंदी चीजें नहीं देख पाएं.'

 

 

अभी भी चल रही हैं पॉर्न वेबसाइट्स

बता दें कि भारत में बैन के बावजूद पॉर्न वेबसाइट्स धड़ल्ले से चल रही हैं. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशंस की सख्ती के बाद भी देशभर में करोड़ों स्मार्टफोन्स और कंप्यूटर पर बिना किसी डर के पॉर्न धड़ल्ले से चलाए जाते हैं.

 


साल 2015 में मोदी सरकार ने 857 पोर्न साइट्स बैन कर दी थी. सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया था. आदेश के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने इन साइट्स को बैन करना शुरू कर दिया था. हालांकि, अभी भी कई पोर्न वेबसाइट्स भारत में आसानी से खुलती है.

 

 

भारत सरकार ने शुरुआत में .com डोमेन के साथ खुलने वाली पॉर्न वेबसाइट्स को बैन किया था, लेकिन बैन के कुछ दिन बाद ही कई साइट्स ने इसका दूसरा रास्ता निकाल लिया. अब पॉर्न वेबसाइट्स .com को छोड़ .org या .net के जरिए खुलती है. इसके अलावा ब्लॉक्ड वेबसाइट्स को ऐक्सेस करने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, दूसरे ब्राउजर्स, प्रॉक्सी जैसे तरीके भी लोग अपनाते हैं.

 

 

गौरतलब है कि सीएम नीतीश का बयान यह अब आया है, जब हैदराबाद में लेडी डॉक्टर से गैंगरेप और हत्या के बाद शव को जला देने का मामले के बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगेरेप की पीड़िता को आरोपियों ने जिंदा जलाने की कोशिश की.

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