उनकी पार्टी, पीडीपी ने एक ट्वीट के माध्यम से निर्णय की पुष्टि की।
मुफ्ती को पहले निवारक नजरबंदी के तहत रखा गया था और फरवरी में उन पर पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ पीएसए के तहत आरोप लगाए गए थे। उमर और फारूक दोनों को मार्च में रिहा किया गया था।
इससे पहले, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को सरकार ने शुक्रवार को रिहा किया है। लोन को भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय ही हिरासत में लिया गया था। लोन ने रिहा किए जाने की जानकारी ट्वीट कर दी थी। उन्होंने कहा था कि एक साल पूरे होने से पांच दिन पहले मुझे आधिकारिक रूप से सूचित किया गया कि मैं अब आजाद हूं।
पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया था। इस फैसले से पहले राज्य के सैकड़ों नेताओं को हिरासत में लिया गया था। हालात सामान्य होने के साथ अधिकतर लोगों को रिहा किया जा चुका है। महबूबा मुफ्ती बीजेपी के साथ राज्य में गठबंधन सरकार भी चला चुकी हैं।
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