एसकेएम 26 जनवरी, 2024 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिला स्तर पर ट्रैक्टर परेड आयोजित करेगा। उम्मीद है कि परेड कम से कम 500 जिलों में आयोजित की जाएगी। एसकेएम ने किसानों से बड़ी संख्या में परेड में शामिल होने की अपील की और दिल्ली में औपचारिक परेड के समापन के बाद ट्रैक्टर परेड आयोजित की जाएगी।
परेड में भाग लेने वाले किसान घटक संगठनों के झंडों के साथ-साथ राष्ट्रीय ध्वज भी लहराएंगे। किसान भारत के संविधान में निहित लोकतंत्र, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के सिद्धांतों की रक्षा करने का संकल्प लेंगे। ट्रैक्टरों के साथ-साथ बयान में कहा गया है, अन्य वाहन और मोटरसाइकिलें भी परेड में शामिल होंगी।
20 राज्यों में एसकेएम की राज्य इकाइयां घर-घर जाकर और पत्रक वितरण के माध्यम से पूरे भारत में अगले साल 10-20 जनवरी तक जन जागरण अभियान चलाएंगी। इसमें कहा गया है कि जन अभियान का उद्देश्य केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट समर्थक आर्थिक नीतियों को उजागर करना है।
एसकेएम ने भारत भर के किसानों से सांप्रदायिक और जातिवादी ध्रुवीकरण के माध्यम से लोगों का शोषण और विभाजन करने वाले कॉर्पोरेट-सांप्रदायिक गठजोड़ को हटाने के लिए अभियान और परेड को सफल बनाने का आह्वान किया है। बयान में कहा गया है कि जब तक केंद्र सरकार सभी मांगें पूरी नहीं कर लेती तब तक संघर्ष तेज किया जाएगा। 26 जनवरी, 2021 को केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान यूनियनों द्वारा बुलाई गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी किसान पुलिस से भिड़ गए थे।
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