वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि अगले तीन महीनों के लिए सभी डेबिट कार्ड धारकों के लिए निकासी शुल्क रद्द कर दिया गया। सीतारमण ने कहा, "डेबिट कार्ड धारक अगले तीन महीनों के लिए किसी भी अन्य बैंक के एटीएम से मुफ्त में नकदी निकाल सकते हैं।"
सीतारमण ने अगले तीन महीनों के लिए धारकों के बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस आवश्यकता शुल्क को भी खत्म करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, "कोई न्यूनतम बैलेंस आवश्यकता शुल्क (बैंक खातों में) नहीं होगा।"
सीतारमण ने घोषणा की है कि 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने और आधार-पैन को जोड़ने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई है, क्योंकि भारत का अधिकांश हिस्सा कोरोनावायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के तहत है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक आर्थिक पैकेज जल्द ही घोषित किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2018—19 के लिए आईटी रिटर्न की सीमा बढ़ाकर 30 जून तक कर दी गई है. इस पर ब्याज दर में भी कमी की गई है.
प्रमुख ऐलान इस प्रकार हैं:
विवाद से विश्वास तक स्कीम 30 जून तक बढ़ाई गई.
TDS पर ब्याज 18 प्रतिशत की जगह 9 प्रतिशत लगेगा.
मार्च, अप्रैल, मई का जीएसटी रिटर्न भरने की तारीख भी 30 जून तक बढाई गई.
आधार-पैन लिंक की आखिरी तारीख को 30 जून 2020 तक किया गया. यह भी पहले 31 मार्च तक थी.
इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख (2018-19) को बढ़ाकर 30 जून तक किया गया.
रिटर्न में देरी पर 12 की जगह 9 प्रतिशत चार्ज
कोरोना वायरस से जुड़े कार्यों में अब CSR का फंड दिया जा सकता है. यानी यह फंड अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगा.
कॉर्पोरेट को राहत देते हुए यह कहा गया कि बोर्ड बैठक 60 दिनों के लिए टाला जा सकता है. यह राहत फिलहाल अगली दो तिमाही के लिए है.
5 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल करने में देरी पर फिलहाल जुर्माना नहीं.
जीएसटी फाइलिंग डेट को भी आगे बढ़ाकर 30 जून किया गया ताकि छोटे एवं मध्यम कारोबारियों को राहत मिल सके. इसी तरह विवाद से विश्वास स्कीम का समय भी बढ़ाकर जून तक कर दिया गया है.
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