
ऑपरेशन चक्र-V के तहत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 19 स्थानों पर समन्वित तलाशी अभियान चलाया। इस अभियान में छह मुख्य ऑपरेटिव गिरफ्तार किए गए और दो अवैध कॉल सेंटरों को ध्वस्त किया गया, जो जापानी नागरिकों को निशाना बनाकर एक अंतरराष्ट्रीय तकनीकी सहायता घोटाले को अंजाम दे रहे थे।
CBI ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर यह मामला दर्ज किया था, जिनसे यह संकेत मिला कि कुछ साइबर अपराध सिंडिकेट विदेशी नागरिकों—विशेष रूप से जापानी नागरिकों—को धोखा दे रहे हैं, खुद को प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ के रूप में पेश करके।
ये अवैध कॉल सेंटर इस तरह से संचालित किए जा रहे थे कि वे वैध कस्टमर सर्विस सेंटर्स जैसे प्रतीत हों। कॉल करने वालों ने पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया कि उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में वायरस या खतरा है, और इस बहाने उन्हें अपने धन को 'म्यूल अकाउंट्स' में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया गया।
CBI ने इस जांच में जापान की नेशनल पुलिस एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ निकट समन्वय में काम किया। इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग से अपराधियों की पहचान और उनके काम करने की संरचना को उजागर करना संभव हुआ, जिससे भारत में इस गिरोह के खिलाफ सफल कार्रवाई की जा सकी।
जांच के दौरान CBI ने कई डिजिटल और भौतिक सबूत जब्त किए हैं, जो इस गिरोह के बड़े स्तर पर संचालन की पुष्टि करते हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम:
1)आशु (दिल्ली)
2)कपिल गाखड़ (पानीपत)
3)रोहित मौर्य (अयोध्या)
4)शुभम जायसवाल (वाराणसी)
5)विवेक राज (वाराणसी)
6)आदर्श कुमार (वाराणसी)
CBI ने दोहराया कि वह साइबर अपराध की लगातार बदलती और जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। एजेंसी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर साइबर अपराध के पता लगाने, जांच और अभियोजन की अपनी क्षमताओं को और सशक्त कर रही है।