केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि कोविड से मरने वालों के परिवारों को 50,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा। इसमें कहा गया है कि कोविद -19 राहत कार्यों में शामिल होने या महामारी से निपटने की तैयारियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने के कारण वायरस से मरने वालों के परिजनों को भी अनुग्रह सहायता दी जाएगी।

केंद्र सरकार ने यह भी बताया कि राज्य यह राशि राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) से देगा। एनडीएमए ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मुआवजे को लेकर दिशा-निर्देश बनाए। सरकार ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और आईसीएमआर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मृत्यु के कारण को कोविद -19 के रूप में प्रमाणित किए जाने के अधीन अनुग्रह सहायता दी जाएगी।

प्रक्रिया के अनुसार इस मुआवजे के लिए परिवारों को संबंधित जिलों के आपदा प्रबंधन कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ 'कोरोना के कारण मृत्यु' का उल्लेख करने वाला प्रमाण पत्र जमा करना होगा।

3 सितंबर को, शीर्ष अदालत ने कोविद-19 से मरने वालों के परिवारों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने में देरी पर नाराजगी व्यक्त की थी। शीर्ष अदालत ने 30 जून के अपने फैसले में एनडीएमए को निर्देश दिया था कि वह छह सप्ताह के भीतर कोविड-19 के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को जीवन के नुकसान के लिए अनुग्रह सहायता के दिशा-निर्देशों की सिफारिश करे।

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