अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस महीने पहली बार भारत के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान सीमित व्यापार समझौते के तहत भारत, अमेरिका के लिए अपना पोल्ट्री-डेयरी बाजार आंशिक रूप से खोलने को मंजूरी दे सकता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और अभी तक सभी प्रकार के डेयरी उत्पादों के आयात पर रोक लगा रखी है। चूंकि, भारत में इससे सीधे 8 करोड़ ग्रामीण परिवार की आजीविका जुड़ी है। ऐसे में भारत की पेशकश से इस सेक्टर पर असर पड़ने की आशंका है।

 

अमेरिका, चीन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है। दोनों देशों के बीच 2018 में व्यापार 142.6 बिलियन डॉलर (10.12 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच गया था। अमेरिका का भारत के साथ 2019 में 23.2 बिलियन डॉलर (1.65 लाख करोड़ रुपए) का व्यापारिक घाटा हुआ था। वहीं, भारत, अमेरिका का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी देश है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत ने अमेरिकी चिकन लेग और तुर्की से ब्लूबेरीज और चेरी को आयात करने की अनुमति दी है। चिकन लेग पर टैरिफ 100% से घटाकर 25% कर दिया है, लेकिन अमेरिकी वार्ताकार इस टैरिफ को 10% पर लाना चाहते हैं।

 

ट्रम्प ने भारत को टैरिफ किंग कहा था

सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने अमेरिकी डेयरी उत्पाद को भी अनुमति दी है, लेकिन इसके लिए 5% टैरिफ और कारोबारी सीमा लागू की गई है। सरकार अमेरिकी मोटरसाइकिल कंपनी हार्ले-डेविडसन पर पहले ही 50% टैरिफ कम कर चुकी है। तब भी ट्रम्प ने नाराजगी जताई थी और भारत को टैरिफ किंग कहा था। हालांकि, इससे हार्ले की बिक्री पर ज्यादा असर नहीं पड़ा था।

 

अमेरिका ने 2019 में भारत से जीएसपी का दर्जा वापस लिया था

राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2019 में भारत से जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेंज (जीएसपी) का दर्जा छीन लिया था। अमेरिका ने 1970 के दशक में यह दर्जा भारत समेत अन्य देशों को दिया था। अमेरिका ने यह कदम तब उठाया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयात किए जाने वाली मेडिकल डिवाइस, कार्डियक स्टेंट और घुटने के प्रत्यारोपण जैसे उपकरणों पर टैरिफ बढ़ा दिया था। भारत ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर भी प्रतिबंध लागू किया था। ट्रम्प की इसी महीने होने वाली यात्रा से यह उम्मीद जगी है कि भारत की तरफ से टैरिफ में कुछ कटौती किए जाने के बाद जीएसपी का दर्जा फिर से वापस मिल सकता है। 

 

ट्रम्प इसी महीने 24-25 फरवरी को भारत यात्रा पर आएंगे। वे गुजरात के अहमदाबाद में ‘केम छो ट्रम्प’ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और इसके बाद दिल्ली में मोदी से बातचीत करेंगे। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। मोदी ने कहा था कि भारत अपने विशेष मेहमान का यादगार स्वागत करेगा। ट्रम्प से पहले आखिरी बार पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा 2015 में भारत की यात्रा की थी।

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