प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर हुए हमले की बृहस्पतिवार को निंदा की और घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने बताया कि मुंबई में गोस्वामी की कार पर मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने कथित तौर पर हमला किया और कार की खिड़की के कांच को तोड़ने का प्रयास किया। 

 

उस समय वह और उनकी पत्नी अपने घर जा रहे थे। दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। भारतीय प्रेस परिषद् (पीसीआई) ने बयान जारी कर कहा कि यह जानकर निराशा हुई कि गोस्वामी पर कथित तौर पर हमला ‘‘एक पत्रकार के तौर पर उनके कथित विचारों को लेकर हुआ।’’ पीसीआई ने कहा, ‘‘इस देश में पत्रकारों सहित हर नागरिक को अपने विचार रखने का अधिकार है जो कई लोगों को ठीक नहीं लग सकता है लेकिन यह किसी को इस तरह की आवाज को दबाने का अधिकार नहीं देता है। 

 

 

खराब पत्रकारिता के खिलाफ भी हिंसा जवाब नहीं हो सकती।’’ गोस्वामी रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक हैं। बयान में कहा गया है कि परिषद् हमले की निंदा करती है और राज्य सरकार से उम्मीद करती है कि वह अपराध के षड्यंत्रकारियों को पकड़ेगी और उन्हें तुरंत कठघरे में खड़ा करेगी। पीसीआई ने कहा कि मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए पीसीआई के अध्यक्ष ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि मुख्य सचिव और मुंबई के पुलिस आयुक्त के माध्यम से मामले के तथ्यों पर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जाए। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने भी गोस्वामी पर कथित हमले की निंदा की और कहा कि अगर किसी को किसी चीज से समस्या है तो उन्हें हिंसा के बजाए विरोध का उचित रास्ता चुनना चाहिए। एनयूजे (आई) ने यह भी कहा कि पत्रकारों और मीडिया घरानों को भी किसी भी कीमत पर अपनी सीमा नहीं लांघनी चाहिए और पेशेवर आचरणों का सख्ती से पालन करना चाहिए।(यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।)

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