इससे पहले 19 अक्टूबर को, खड़गे ने तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर को भारी अंतर से हराकर पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। खड़गे को 7,897 मत प्राप्त होने के कारण विजेता घोषित किया गया, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी थरूर केवल 1,072 ही हासिल कर सके। कुल 416 मतों को अमान्य घोषित कर दिया गया था। 9,500 से अधिक पार्टी प्रतिनिधियों ने अपना वोट डाला था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार के कार्यक्रम के लिए एआईसीसी मुख्यालय के लॉन में एक मंच तैयार किया जा रहा था, जहां कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री औपचारिक रूप से खड़गे को चुनाव प्रमाण पत्र पेश करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं के मौजूद रहने की उम्मीद है।
खड़गे का लक्ष्य उनके नेतृत्व में पार्टी को पुनर्जीवित करना होगा। खड़गे की वर्तमान जिम्मेदारी, जो पहले कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता, संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस के नेता थे, पार्टी के पुराने रुतबे को फिर से बहाल करना है ,जो फिलहाल पीएम मोदी के नेतृत्व वाले भाजपा से सामना करने की स्थिति में नहीं है।
खड़गे का पहला काम गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में बहाल करना होगा, दो राज्यों में आने वाले हफ्तों में चुनाव होंगे। आने वाले दिनों में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि कांग्रेस अब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में है। बाद में 2023 में, खड़गे को नौ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का नेतृत्व करने के कठिन कार्य का सामना करना पड़ेगा, जिसमे उनका गृह राज्य कर्नाटक भी शामिल हैं, जहां वह नौ बार विधायक थे।
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