
भट्ट ने बताया कि उनके सामने नौ लोग ज़िपलाइन कर चुके थे, लेकिन ऑपरेटर ने किसी से कुछ नहीं कहा। “मेरे नंबर पर ऑपरेटर ने तीन बार 'अल्लाहु अकबर' कहा और तुरंत फायरिंग शुरू हो गई। मुझे उस आदमी पर शक है, वह आम कश्मीरी जैसा दिखता था,” भट्ट ने अहमदाबाद में मीडिया को बताया।
उन्होंने बताया कि जैसे ही वह ज़िपलाइन कर रहे थे, गोलीबारी शुरू हो गई। “20 सेकंड के अंदर मुझे समझ में आ गया कि यह आतंकी हमला है। मैंने 5–6 लोगों को गोली लगते देखा,” उन्होंने कहा। इसके बाद उन्होंने खुद को ज़िपलाइन से हटाया, अपनी पत्नी और बेटे को लेकर भागे और एक गड्ढे जैसे स्थान में छिप गए जहां अन्य लोग भी छुपे हुए थे।
धर्म पूछकर की गई थी हत्याएं
भट्ट ने एक और सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया। "हमसे पहले की दो फैमिलियों से धर्म पूछा गया, और पुरुषों को मेरी पत्नी और बेटे के सामने गोली मार दी गई। मेरी पत्नी और बेटा चीखने लगे," उन्होंने बताया।
भट्ट के अनुसार, पहले राउंड की गोलीबारी 8–10 मिनट तक चली, फिर कुछ देर रुकी, और फिर दोबारा शुरू हुई। “दूसरी बार 4–5 और लोगों को मारा गया। कुल मिलाकर हमने 15–16 लोगों को गोली लगते देखा,” उन्होंने कहा। जब वे गेट तक पहुंचे तो वहां के ज़्यादातर स्थानीय लोग पहले ही भाग चुके थे।
सेना ने बचाई जान
भट्ट ने भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमले के 20–25 मिनट के भीतर सेना पहुंच गई और पर्यटकों को सुरक्षा दी। “सेना के आने के बाद हमें सुरक्षित महसूस हुआ। मैं भारतीय सेना का आभारी हूं,” उन्होंने कहा।
हमले के बाद केंद्र की कड़ी प्रतिक्रिया
इस भयावह आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है और अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया है। इसके अलावा, 27 अप्रैल से पाकिस्तानियों को जारी सभी श्रेणियों के वीज़ा—लॉन्ग टर्म, राजनयिक और सरकारी वीज़ा को छोड़कर—रद्द कर दिए गए हैं।