उन्होंने एक बयान में कहा कि आम आदमी इस नफरत का शिकार होता है। मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री (मोदी) बोलें, मैं चाहता हूं कि गृह मंत्री (शाह) बोलें और हिंसा की निंदा करें। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा के बीच दोनों में से कोई भी कुछ नहीं बोला, वे चुप क्यों हैं, उन्होंने पूछा।
मेरी उन सभी से विनम्र अपील है, और यह किसी एक पार्टी विशेष की बात नहीं हो सकती है, जो इस पागलपन के लिए जिम्मेदार हैं। जो माहौल बन रहा है, उससे हटकर देश को आगे बढ़ने की जरूरत है। 2024 को इसका कारण न बनने दें, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा। सिब्बल ने कहा कि कानून का राज कायम रहने दीजिए। सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से बात की। सिब्बल ने कहा कि चिंता जताना काफी नहीं है।
उनका बयान रामनवमी उत्सव के दौरान सासाराम और बिहारशरीफ शहरों में सांप्रदायिक हिंसा के बाद आया है। सासाराम और बिहारशरीफ में सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने शनिवार तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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