जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकियों की पहचान सार्वजनिक कर दी है। इस हमले में 24 पर्यटकों समेत कुल 26 लोगों की जान गई थी। दक्षिण कश्मीर के कई हिस्सों, विशेषकर शोपियां जिले में इन आतंकियों के पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें जानकारी देने वालों के लिए ₹20 लाख के इनाम की घोषणा की गई है।

पोस्टर में लिखा गया है कि "कश्मीर, पाकिस्तान प्रायोजित आतंक के खिलाफ एकजुट है।" सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी भरोसा दिलाया है कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।

इससे पहले, एजेंसियों ने इन आतंकियों के स्केच भी जारी किए थे, जिनकी पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में हुई है। इनका संबंध पाकिस्तान से है और इनके कोड नाम मूसा, यूनुस, और आसिफ बताए गए हैं। ये तीनों पहले पुंछ में भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रह चुके हैं।

सबसे बड़ा आतंकी हमला 2019 के बाद
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए इस हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। मारे गए लोगों में दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल थे।

इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का छद्म संगठन माना जाता है।

भारत का करारा जवाब — 'ऑपरेशन सिंदूर'
इस बर्बर हमले के बाद, भारत ने 7 मई 2025 को 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्च किया। इसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

सैनिक अधिकारियों के अनुसार, इस जवाबी कार्रवाई में लक्ष्य चुनने और हमलों की विधि में पूरा संयम बरता गया, ताकि निर्दोषों को नुकसान न पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने उन आतंकी अड्डों को निशाना बनाया है जो बहावलपुर और मुरीदके जैसे इलाकों में स्थित हैं — वही ठिकाने जिनका संबंध 9/11 और लंदन ट्यूब बम धमाकों जैसे वैश्विक आतंकी हमलों से रहा है।


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