ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप (डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक्स) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की टीम कोरोनावायरस के खिलाफ एक सुरक्षित, प्रभावी और सुलभ वैक्सीन की खोज पर काम कर रही है, जिसका परीक्षण परिणाम दुनिया को इंतजार था। सोमवार को मेडिकल जर्नल द लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और असरदार है। इस जानकारी के बाद ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन फ्रंटरनर वैक्सीन की लिस्ट में आगे आ गई है।
AZD1222 नाम की इस वैक्सीन को लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पांस मिला है। वैक्सीन ट्रायल में लगी टीम और ऑक्सफोर्ड के निगरानी समूह को इस वैक्सीन में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता वाली बात नजर नहीं आई और इससे ताकतवर रिस्पांस पैदा हुआ है।
लैंसेट के एडिटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन ने तीन खास मेडिकल टर्म्स- safe, well-tolerated and immunogenic का इस्तेमाल किया है। इनका मतलब है कि यह वैक्सीन सुरक्षित, अच्छी तरह सहन करने योग्य और प्रतिरक्षात्मक हैं। हॉर्टन ने वैक्सीन टीम के प्रमुख वैज्ञानिक पैड्रो फोलेगैटी को बधाई दी है और कहा है कि ये नतीजें बहुत उत्साह बढ़ाने वाले हैं।
AZD1222 टीके के नतीजे सकारात्मक रहे हैं. इसके किसी तरह के गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले हैं.
शोधकर्ताओं का दावा है कि इसे टीके के कोई बड़े साइड इफेक्ट्स नहीं हैं. हालांकि, कुछ साइड इफेक्ट्स हैं, जिन्हें पैरासेटामॉल के जरिये दूर किया जा सकता है.
लैंसेट की यह समीक्षा ऐसे समय आई है जब भारत ने स्वदेश में विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन, COVAXIN का मानव परीक्षण (Human trials) किया है. AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने कहा है कि रिसर्चर्स को डेटा के पहले सेट पर पहुंचने में कम से कम तीन महीने लगेंगे.
दो दिन पहले 17 जुलाई की रिपोर्ट में बताया गया था कि यह वैक्सीन कोरोनावायरस से दोहरी सुरक्षा दे सकती है।
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