हाल के दिनों में कोविड-19 मामलों में हल्की वृद्धि के बीच कर्नाटक सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने रविवार को बताया कि टेस्टिंग बढ़ाई जा रही है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों जैसे हाई-रिस्क समूहों में।

यह बयान उस घटना के बाद आया है जिसमें 84 वर्षीय एक व्यक्ति की कोविड संक्रमित अवस्था में मृत्यु हो गई, हालांकि वह पहले से ही हृदय रोग, टीबी और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। मंत्री ने स्पष्ट किया कि मृत्यु का कारण सिर्फ कोविड नहीं माना जा सकता और इसके लिए ऑडिट कराया जाएगा।

स्थिति गंभीर नहीं, लेकिन नजर बनाए हुए हैं
राव ने कहा कि अभी हालात चिंताजनक नहीं हैं और किसी भी प्रकार की पाबंदी लगाने की जरूरत नहीं है।
"हम हालात पर नजर रखे हुए हैं, कोई भी कदम केंद्र सरकार से विचार-विमर्श के बाद उठाया जाएगा," उन्होंने कहा।
उन्होंने जनता से शांत और सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा,
"अनावश्यक डर फैलाने की जरूरत नहीं है। लॉकडाउन जैसी कोई स्थिति नहीं है और लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।"

हाई-रिस्क समूहों पर केंद्रित है टेस्टिंग
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि RT-PCR टेस्टिंग किट्स जल्द ही अस्पतालों तक पहुंचेंगी और सरकारी व निजी दोनों अस्पतालों में टेस्ट अनिवार्य रहेगा।
"SARI और ILI लक्षणों वाले बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है," राव ने कहा।

टेक्निकल एडवाइजरी कमिटी की साप्ताहिक बैठकें आयोजित की जा रही हैं ताकि स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके।

कोविड के मौजूदा मामले
शनिवार शाम तक कर्नाटक में 38 सक्रिय कोविड मामले थे, जिनमें से 32 बेंगलुरु में दर्ज किए गए। मंत्री ने कहा,
"ज्यादातर मरीज ठीक हो रहे हैं और पूरे देश से भी ऐसे ही रिपोर्ट मिल रहे हैं। हम हर तरह के जरूरी एहतियात के लिए तैयार हैं।"

फिलहाल कोई यात्रा प्रतिबंध नहीं
राव ने स्पष्ट किया कि किसी प्रकार की यात्रा या गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
"सभी गतिविधियां सामान्य रूप से जारी रहेंगी। किसी प्रकार के प्रतिबंध का अभी कोई सवाल नहीं उठता," उन्होंने कहा।

केरल में बढ़ते मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि अंतर-राज्यीय यात्रा पर कोई निर्णय केंद्र सरकार से विचार-विमर्श के बाद ही लिया जाएगा।

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