मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आज दूसरा बजट पेश हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपना दूसरा बजट पेश किया और किसानों से लेकर टैक्स पेयर्स तक के लिए कई ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था। मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक विकास दर 10 फीसदी रहने का अनुमान जताया, वहीं टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया। इसके अलावा किसानों के लिए कई ऐलान भी किया गया। तो चलिए जानते हैं आज के बजट में किसको क्या मिला....

 

 

टैक्स पेयर्स के लिए बजट में क्या:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई सरलीकृत आयकर व्यवस्था में पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। साथ ही ढाई लाख रुपये तक की आय कर मुक्त बनी रहेगी। ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा, लेकिन छूट के बाद पांच लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नई व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा। 

 

 

मोदी सरकार ने नए टैक्स स्लैब का ऐलान किया

5 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
5 लाख से 7.5 लाख तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स
7.5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 15 फीसदी टैक्स
10 लाख से 12.5 लाख तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स
12.5 लाख से 15 लाख तक की आमदनी पर 25 फीसदी टैक्स
15 लाख से अधिक की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स

 

 

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए बजट में क्या:
वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए 30,757 करोड़ रुपये तथा लद्दाख को 5,958 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिये 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी के लिये एक राष्ट्रीय नीति लायी जाएगी तथा डेटा को आवश्यक तौर पर भरोसे के लायक होना चाहिये। उन्होंने बजट में गैर-गजटेड अधिकारियों की नियुक्ति के लिये बड़े सुधारों का भी प्रस्ताव किया है।

 

 

शिक्षा पर बजट में क्या है:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश के शीर्ष 100 शैक्षणिक संस्थान उन छात्रों के लिए डिग्री स्तर का एक ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम आरंभ करेंगे जो समाज के वंचित तबके से संबंध रखते हैं और जिनकी उच्च शिक्षा तक पहुंच नहीं है। सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि जल्द ही नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी और सरकार अगले वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखती है।

 

 

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि शिक्षकों, नर्सों, पराचिकित्सा कर्मी और सेवा प्रदाताओं के कौशल में सुधार और अनुरूपता लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, पेशेवर निकायों के साथ मिलकर विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत उच्च शिक्षा के लिए पसंदीदा स्थल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 'भारत में अध्ययन कार्यक्रम के तहत एशियाई और अफ्रीकी देशों में एक आईएनडी-एसएटी परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया है ताकि भारतीय उच्च शैक्षणिक केंद्रों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति पाने वाले विदेशी उम्मीदवारों के लिए मानक तय किया जा सके।

 


    
सीतारमण ने घोषणा की कि उन छात्रों के लिए डिग्री स्तर का एक ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम आरंभ करने का प्रस्ताव रखा जाता है जो समाज के वंचित तबके से संबंध रखते हैं और जिनकी उच्च शिक्षा तक पहुंच नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्थाओं की रैंकिंग में शीर्ष 100 संस्थान ही ये कार्यक्रम उपलब्ध कराएंगे और शुरुआत में कुछ ही संस्थानों को ऐसे कार्यक्रम उपलब्ध कराने को कहा जाएगा। सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा पुलिस विज्ञान, फोरेंसिक विज्ञान और साइबर फोरेंसिक के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और एक राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का प्रस्ताव रखा गया है।

 

 

बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट में क्या
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के लिए सरकार ने 103 लाख करोड़ रुपये की अवसंरचना परियोजनाएं शुरू की हैं और वह राजमार्गों के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही जल्द एक लॉजिस्टिक नीति लाएगी। सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश करने के दौरान कहा कि 2020-21 में परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं। मंत्री ने कहा कि नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत 103 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस घोषणा के अनुरूप की गई, जिसमें उन्होंने अगले पांच वर्षों में 100 लाख करोड़ रुपये के अवसंरचना निवेश की बता कही थी।

 

 

उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, 'प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों के दौरान अवसंरचना 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। एनआईपी की शुरुआत 31 दिसंबर 2019 में हुई, जिसके तहत 103 लाख करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है... इन नई परियोजनाओं में आवसीय, साफ पेयजल, स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य, आधुनिक रेलवे, एयरपोर्ट, मेट्रो बस, लॉजिस्टिक्स शामिल हैं।' सीतारमण ने कहा कि एनआईपी से नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा और इससे बड़े स्तर पर रोजगार के नए मौके तैयार होंगे।

 


    
पर्यटन के लिए बजट में ऐलान:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव रखा। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि संस्कृति मंत्रालय के लिए 3,150 करोड़ रुपये और पर्यटन मंत्रालय को 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने झारखंड के रांची में एक जनजातीय संग्रहालय की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। वित्त मंत्री ने कहा, 'हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और तमिलनाडु के पांच पुरातात्विक स्थलों को संग्रहालयों के साथ विकसित किया जाना है।'

 

 

एलआईसी में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार:
सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में अपनी कुछ हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए बेचने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में 2020-21 का बजट भाषण पढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि एलआईसी को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सूचीबद्धता से कंपनियों में वित्तीय अनुशासन बढ़ता है। सीतारमण ने कहा कि सरकार का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव है। अभी एलआईसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास है।

 

 

रेलवे और ट्रेन के लिए बजट में क्या:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि देश में तेजस की तरह और भी कई कॉरपोरेट ट्रेनें चलाई जाएंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल पटरियां बिछाने के साथ ही सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का शुक्रवार को प्रस्ताव दिया तथा कहा कि पर्यटक स्थलों को जोड़ने के लिए तेजस की तरह की और ट्रेनों को चलाया जाएगा। केंद्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 2023 तक पूरा हो जाएगा तथा चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे भी बनाया जाएगा।

 

 

वित्त मंत्री ने कहा, साथ ही चार स्टेशनों को निजी क्षेत्र की मदद से पुन: विकसित किया जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर 550 वाईफाई सुविधाएं दी गई हैं। उन्होंने कहा कि देश में तेजस जैसी और ट्रेनें चलाई जाएंगी और तेजस ट्रेनों के जरिये पर्यटन स्थलों से जोड़ा जाएगा। 

 

 

महिलाओं के लिए बजट में क्या:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि महिलाओं के लिए विवाह योग्य आयु की सिफारिश करने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा। सीतारमण ने 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए 9500 करोड़ रुपये मुहैया कराये गये हैं, वहीं वित्त वर्ष 20-21 में पोषण संबंधी कार्यक्रम के लिए 35600 करोड़ आवंटित किये गये हैं। 

 

 

एससी-एसटी के लिए बजट में क्या:
वित्त मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बजट में 85 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का झारखंड के रांची में एक आदिवासी संग्रहालय खोलने का भी प्रस्ताव है, वहीं हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और तमिलनाडु में पांच पुरातत्व स्थलों पर संग्रहालय बनाये जाने हैं। सरकार ने संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपये और पर्यटन मंत्रालय के लिए 2500 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

 

 

बिजली को लेकर बजट में बड़ा ऐलान:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन साल में पूरे देश में बिजली के प्रीपेड मीटर की व्यवस्था करने तथा ग्राहकों को कभी भी बिजली वितरण कंपनी बदलने की आजादी देने का प्रस्ताव किया। उन्होंने शनिवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2020-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि बिजली , नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र के लिए 22,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को पारंपरिक मीटरों को स्मार्ट प्री - पेड मीटरों से बदलना चाहिये। इसके साथ ही ग्राहकों को कभी भी बिजली वितरण कंपनी बदलने की आजादी दी जानी चाहिये।  उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को तीन साल के भीतर पारंपरिक बिजली मीटरों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ बदलने की जरूरत है।  वित्त मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड को 16,000 किलोमीटर से बढ़ाकर 27,000 किलोमीटर किया जाएगा। 

 


    
किसानों ने के लिए बजट में क्या:
सरकार ने फल और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिये किसान रेल का प्रस्ताव किया है। इसके तहत इन उत्पादों को रेफ्रिजरेटेड डिब्बों में ले जाने की सुविधा होगी। विशेष किसान रेलगाड़ियां सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत चलाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए किसानों के लाभ के लिए कई उपायों का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि जल्द खराब होने वाले सामान के लिए राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण को रेलवे पीपीपी मॉडल में किसान रेल बनाएगी। इससे ऐसे उत्पादों की ढुलाई तेजी से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों के जरिये जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिये रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का भी प्रस्ताव है। जल्द खराब होने वाले फल, सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मछली, मांस आदि को लंबी दूरी तक ले जाने के लिये इस तरह की तापमान नियंत्रित वैन की जरूरत है।

 

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