भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इस बात की जानकारी दी कि अब सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की कुछ हिस्सेदारी शेयर मार्केट में दी जाएगी। बता दें कि अभी फिलहाल LIC की 100 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास ही है। सरकार के इस फैसले के पीछे यह कारण है कि विनिवेश का लक्ष्य पूरा हो सके और सरकार की झोली में पैसा आ सके। बता दे कि इस समय एलआईसी देश की सबसे बड़ी वित्तीय संस्थान है अगर इस कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किया जाता है तो यह देश की सबसे बड़ी लिस्टेीड कंपनी बनने के आसारा है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी सबसे ज्यादा हो जाएगा।

 

घट जायेगा सरकार का मालिकाना हक
आपको बता दें कि इस लिस्टिंग के साथ ही LIC में केंद्र सरकार का मालिकाना हक भी कम हो जाएगा। जुलाई 2019 के बजट में ही केंद्र सरकार ने कहा था जिन कंपनियों को चुना गया है उसमें केंद्र सरकार मिनिमम पब्लिक होल्डिंग को घटाकर 35 फीसदी करेगी।

 

सबसे अधिक निवेश करती है LIC
LIC ने कई कंपनियों की IPO में निवेश किया है। ONGC जैसे कंपनियों में भी LIC का स्टेक है। हर साल सरकारी सिक्योरिटी और स्टॉक मार्केट में भी एलआईसी ही सबसे बड़ी निवेशक होती है। हर साल लगभग स्टॉक मार्केट में एलआईसी करीब 55-65 हजार करोड़ रुपये का निवेश करती है।


लिस्टिंग से पहले की परेशानी
LIC को पब्लिक लिस्टिंग से पहले सरकार को एलआईसी एक्ट 1956 में संशोधन करना होगा। अभी यह LIC इंश्योरेंस रेग्युलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी आफ इंडिया के सुपरवाइजरी में आता है। एलआईसी एक्ट के सेक्शन 37 के अनुसार सभी एलाआईसी पॉलिसी में एश्योर्ड की राशि के साथ ही बोनस पर भी सरकारी गारंटी मिलती है। ऐसे में पॉलिसीधारक के परिवार को वित्तीय सिक्योरिटी का लाभ प्राप्त होता है।

 

करोड़ों रुपये की कमाई
साल 2019 में एलआईसी का इन्वेस्टमेंट का मार्केट वैल्यू 28.74 लाख करोड़ रुपये रहा, जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष में 26.46 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह एक साल में एलआईसी को 8.61 फीसदी का लाभ हुआ। इसके अलावा कंपनी की कुल संपत्तियों की किमत लगभग 31.11 लाख करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2019 में एलआईसी ने नए प्रीमियम के जरिए 41,086.31 करोड़ रुपये कमाई की है। बता दें कि इस वर्ष में नए प्रीमियम और रिन्युवल प्रीमियम को जोड़कर कुल 5,60,784 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।

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