उत्तर प्रदेश के देवरिया में लॉकडाउन के बीच एक बुजुर्ग महिला के देहांत के बाद उसकी बहू ने बेटों का फर्ज निभाते हुए चिता को मुखाग्नि दी. महिला के दो बेटे हैं लेकिन उनके अंतिम समय में दोनों मौजूद नहीं थे. एक पूना में तो बड़ा बेटा लुधियाना में लॉकडाउन की वजह से फंसा है.
दरअसल, देवरिया के लार थाना क्षेत्र के तिलौली गांव में एक परिवार सोहनाग रोड स्थित किराए के मकान में रहता है. यहां नीतू मौर्य अपनी सास सुमित्रा देवी (70 वर्षीय) व अपने तीन मासूम बेटों (नैतिक,आयुष और आर्यन) के साथ रहती हैं. पति चंद्रशेखर पूना में एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. ससुर रामसकल कई वर्ष पहले ही गुजर चुके हैं. मृतक सुमित्रा के तीन बेटे हैं. बड़ा बेटा अमरनाथ लुधियाना में काम करता है. मझिला बेटा रोड एक्सीडेंट में कुछ वर्ष पहले ही गुजर चुका है. तीसरा छोटा बेटा चंद्रशेखर पूना में रहता है और मां की जिमेदारी इसी के कंधों पर थी. लिहाजा इसकी पत्नी नीतू मौर्या ही देखभाल करती थी.
गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से मां की तबीयत खराब होने की सूचना पर भी बेटे घर नहीं लौट सके. इधर शुक्रवार को सुमित्रा देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई. बहू एंबुलेंस से उन्हें लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलेमपुर पहुंची लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद नीतू ने सास के देहांत की सूचना अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों को फोन से दी. लॉकडाउन की वजह से बेटे आ नहीं सके. ऐसे में अब नीतू को ही अपनी सास का अंतिम संस्कार करना पड़ा.
ऐसी परिस्थिति आने पर नीतू परेशान हो गईं लेकिन उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था. जब कुछ न सूझा तो नीतू गोद में अपने बच्चे को लिए नगर पंचायत कार्यालय पहुंच गईं. वहां नगर पंचायत अध्यक्ष जेपी मद्देशिया ने उनकी मदद की. गाड़ी मुहैया कराकर शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजवाया. घटना के बारे में जेपी मद्देशिया ने कहा कि महिला (नीतू मौर्य) सलेमपुर से 5 किलोमीटर दूर तिलौली गांव की रहने वाली है. सास की तबीयत खराब होने के कारण उनकी मौत हो गई जिनका अंतिम संस्कार बहू नीतू मौर्य ने किया. बेटे लॉकडाउन के कारण बाहर फंसे हैं.
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