मैं आपको एक अत्यंत गंभीर चिंता के विषय पर लिख रहा हूँ। उन्होंने दावा किया, मणिपुर में हिंसा भड़के हुए लगभग नौ महीने हो गए हैं और स्थिति बद से बदतर हो गई है। खड़गे ने राज्य में हाल के घटनाक्रमों का विवरण दिया, जिसमें कहा गया कि 24 जनवरी को मंत्रियों/सांसदों/विधायकों की एक बैठक बुलाई गई थी। इम्फाल के ऐतिहासिक कांगला किले में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा है।
उन्होंने दावा किया कि बैठक में मौजूद कई सदस्यों को एक सशस्त्र समूह द्वारा इस बैठक में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। खड़गे ने कहा, इतना ही नहीं, इस बैठक के दौरान मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और वांगखेम के विधायक कीशम मेघचंद्र पर बेरहमी से हमला किया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा, केंद्रीय और सुरक्षा बलों तथा खुफिया कर्मियों की भारी मौजूदगी के बावजूद यह चौंकाने वाली घटना हुई है।
खड़गे ने कहा कि आज तक, एक गैर-राज्य अभिनेता द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के इस बेहद परेशान करने वाले तोड़फोड़ पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और गृह मंत्रालय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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