
21 मई को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E-2142 ने आसमान में ऐसा तूफान झेला, जिसने यात्रियों को दहला दिया। इस फ्लाइट में 220 से ज्यादा यात्री सवार थे, जिनमें तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी शामिल थे।
क्या हुआ फ्लाइट में?
पठानकोट के पास 36,000 फीट की ऊंचाई पर विमान जब तूफानी बादलों में घुसा, तो पायलट ने पहले भारतीय वायुसेना के ATC से पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसने की इजाजत मांगी ताकि तूफान से बचा जा सके।
लेकिन अनुमति नहीं मिली। इसके बाद लाहौर ATC से संपर्क किया गया, वहां से भी इन्कार हो गया।
मजबूर होकर पायलट ने दिल्ली लौटने पर विचार किया, लेकिन स्थिति को देखते हुए उन्होंने श्रीनगर की ओर बढ़ने का फैसला किया — सीधे तूफान के बीच से।
DGCA की रिपोर्ट क्या कहती है?
विमान को भयंकर अपड्राफ्ट्स और डाउनड्राफ्ट्स का सामना करना पड़ा।
ऑटोपायलट बंद हो गया, अलर्ट्स और वार्निंग्स एक के बाद एक बजने लगे।
विमान का गिरने की गति 8,500 फीट/मिनट तक पहुंच गई।
पायलट्स ने मैन्युअल मोड पर नियंत्रण संभालते हुए विमान को सुरक्षित श्रीनगर पहुंचाया।
विमान को क्या नुकसान हुआ?
विमान का नोज़ कोन (रैडोम) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
यात्रियों को कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में उनकी घबराहट और डर साफ देखा जा सकता है।
नतीजा
DGCA ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है, और एयरलाइन को विमान की तकनीकी समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह घटना दर्शाती है कि भू-राजनीतिक तनाव और मौसमीय आपदाएं मिलकर कैसे एक विमान यात्रा को खतरनाक बना सकती हैं।