बयान में कहा गया, विपक्षी दलों के नेता एकजुट होकर शीतकालीन सत्र की पूरी अवधि के लिए 12 सदस्यों के अनुचित और अलोकतांत्रिक निलंबन की निंदा करते हैं। निलंबन मानसून सत्र के दौरान एक घटना के सिलसिले में किया गया है। इससे पहले 11 अगस्त को, जब सदन में नए सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध पर चर्चा शुरू हुई तो विपक्षी सांसद अधिकारियों की मेज पर चढ़ गए, काले कपड़े लहराए और फाइलें फेंक दीं, जब राज्यसभा में अनियंत्रित दृश्य देखे गए।
इस बीच केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि विपक्षी दल अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, टीआरएस और कुछ विपक्षी दल अफवाहें फैला रहे हैं। हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार मौजूदा धान खरीद नीति को जारी रखेगी।
सीपीएम के एलाराम करीम, कांग्रेस के फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, सीपीआई के बिनॉय विश्वम, टीएमसी से डोला सेन और शांता छेत्री और शिवसेना के प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई को वर्तमान सत्र के शेष भाग के लिए, निलंबित कर दिया गया है। निलंबन मानसून सत्र के दौरान एक घटना के सिलसिले में किया गया है।
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