भारत, जून में पाकिस्तान को मिलने वाले लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर के पैकेज को रोकने की अपील विश्व बैंक से कर सकता है। इसके साथ ही, भारत FATF से पाकिस्तान को पुनः उसकी ग्रे लिस्ट में डालने की सिफारिश करेगा। ग्रे लिस्ट में शामिल होने का मतलब है कि उस देश की वित्तीय गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, जिससे निवेश और पूंजी प्रवाह पर असर पड़ेगा।
एक सरकारी सूत्र ने कहा कि भारत FATF के सामने एक मजबूत मामला पेश करेगा और पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में विफल रहने पर ग्रे लिस्ट में डालने की मांग करेगा।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र से पनप रहे आतंकवाद को रोकने में असफल रहा है और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से मिले फंड का उपयोग हथियार खरीदने में कर रहा है।
FATF की ग्रे लिस्ट में वे देश शामिल किए जाते हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग रोकने में विफल रहते हैं और जिन्हें बढ़ी हुई निगरानी में रखा जाता है।
साल 2018 में पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, और 2022 में इसे लिस्ट से हटाया गया था। अब भारत एक बार फिर इसे उस सूची में शामिल कराने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा भारत ने हाल ही में IMF के बेलआउट पैकेज की किस्त जारी करने का भी विरोध किया था।
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