करुण नायर ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ कैंटरबरी में चल रहे अनौपचारिक टेस्ट मैच में शानदार दोहरा शतक जड़कर अपने टेस्ट करियर की नई शुरुआत का ऐलान किया। लगभग आठ वर्षों बाद उन्हें एक बार फिर भारत की टेस्ट योजनाओं में शामिल किया गया है और उन्होंने इस मौके को पूरी तरह भुना लिया।

2017 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाने के बावजूद करुण नायर को जल्द ही टीम से बाहर कर दिया गया था और उसके बाद से उन्हें दोबारा भारतीय टीम में मौका नहीं मिला। हालांकि, उन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए चयनकर्ताओं को मजबूर कर दिया कि उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए टीम में शामिल किया जाए।

इससे पहले, करुण ने इंडिया ए की ओर से इंग्लैंड लायंस के खिलाफ कैंटरबरी में खेले गए मुकाबले में भाग लिया और जब टीम शुरुआती झटकों से जूझ रही थी, तब उन्होंने सरफराज खान के साथ 181 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की। सरफराज के 92 रन पर आउट होने के बाद करुण ने ध्रुव जुरेल के साथ मिलकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।

दूसरे दिन ध्रुव जुरेल 94 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन करुण ने एक छोर संभाले रखा और अंततः अपना दोहरा शतक पूरा किया। यह प्रदर्शन करुण के लिए न सिर्फ टेस्ट प्लेइंग इलेवन में जगह पक्की करने की दिशा में अहम है, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर भी यह पारी उनके लिए आत्मविश्वास और संतोष देने वाली रही।

2022 में करुण ने ट्वीट किया था, ‘डियर क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो।’ इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और विदर्भ की ओर से लगातार रन बनाए। इसके बावजूद उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिल पाई। ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए उन्हें टीम में शामिल किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया।

हालांकि, विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद चयनकर्ता मध्यक्रम में अनुभव की तलाश कर रहे थे और इसी वजह से करुण नायर को फिर से बुलाया गया। अब कैंटरबरी में उनके दोहरे शतक ने उनके चयन को पूरी तरह सही साबित कर दिया है।

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