सामान्य तौर पर शादी हो जाना और फिर कुछ समय के बाद बच्चे ये जितना आसान कहने और सुनने में लगता है असल में ऐसा होता कभी नहीं है। बच्चों का पालन—पोषण करना एक कला है, बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो इसे बेहद सटीक विज्ञान की नज़र से देखते हैं। जबकि उन्ही में से कुछ ऐसे भी होते हैं जो किसी मादा शेर की तरह ना सिर्फ अपने बच्चों की रक्षा करती है बल्कि उनका बखूबी पालन पोषण भी करती है।
ऑल्ट बालाजी के इस वेब सीरीज में आप देखेंगे की विभिन्न तरह की सोच और व्यवहार वाली मातायेँ अपने बच्चों की परवरिश करने के लिए अपने तरीके और पैंतरों को आजमाती हैं और एक साथ कई तरह के काम करना उनकी आदत सी बन जाती है जिसकी वजह से वो कई बार चिंतित भी रहती है और कभी कभी खुद को शर्मिंदा भी महसूस करती हैं।
बेशक करिश्मा कपूर लंबे समय से फिल्मी दुनिया से दूर रही हैं मगर हमें इस बात को भूलना नहीं चाहिए की वो एक मंझीहुई अदाकारा हैं और सबसे बड़ी बात की वे खुद भी दो बच्चों की माँ है जिनकी परवरिश की ज़िम्मेदारी उनके ऊपर ही है।
इस शो में करिश्मा "मीरा" का किरदार निभाएंगी, जो एक छोटे से शहर की माँ है और मुंबई की तेज तर्रार माताओं के बीच झुझती है और ना सिर्फ खुद को बल्कि अपने बच्चों को इस सब से पार लगाने का प्रयास करती है। इस बात को करिश्मा बखूबी समझती हैं पैरेंटिंग का अर्थ उचित संतुलन बनाये रखना है और सबसे कठिन काम है उस संतुलन का पता लगाना।
अपने किरदार के बारे में करिश्मा बताती हैं की, "यह मात्र एक कहानी नहीं है बल्कि यह आज के दौर की मां के बारे में बताई गयी एक सच्चाई है जिससे मैं खुद अभी गुजर रही हूँ। उन्होने यह भी बताया की यह कहानी बेहद स्ट्रांग थी और निश्चित रूप से सभी उम्र की महिलाएं और खासकर माताएं इस सीरीज को देखते वक़्त खुद को मेरे किरदार से जुड़ा महसूस करेंगी। युवा या फिर उम्रदराज माता—पिता सभी "मेंटलहूड" से जुड़ा महसूस करेंगे।" फिल्हाल आपको यह भी बता दें की ऑल्ट बालाजी की इस वेब सीरीज में बॉलीवुड अभिनेता "डीनो मोरिया" भी लंबे समय के बाद पर्दे पर वापसी कर रहे हैं और उनके भी ये वेब सीरीज में डेब्यु ही है।
यह सीरीज इस साल के अंत तक रिलीज होने के लिए तैयार हो जाएगी और चूंकि इस सीरीज में कुछ अलग है तो निश्चित रूप से इस श्रृंखला को देखने के लिए हर कोई काफी उत्साहित हैं।
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