महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस के लोगों का हाथ बताने वाले विवरण से सम्बंधित केस में अब बड़ा ट्विस्ट आ गया है| सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह ट्रायल का सामना करने को मुस्तैद हैं| वह मानहानि का मुकदमा लड़ते रहेंगे और उन्होंने कोर्ट से ट्रायल कैंसल करने की याचिका वापस ले ली है| राहुल ने यह भी कहा कि वह आरएसएस वाले अपने बयान पर कायम हैं, थे और रहेंगे| आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को गोली मारी, इस विवरण पर वह कायम हैं|
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और वह अपना बयान वापस नहीं लेंगे| पेशी में छूट देने से राहुल को कोर्ट ने इनकार कर दिया है| यानी उन्हें भिवंडी की कोर्ट में 16 नवंबर को पेश होना होगा| वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि राहुल यह कह दें कि उनका उद्देश्य आरएसएस को क़सूरवार ठहराना नहीं था तो वह केस को वापस लेने को राजी हैं| शिकायकर्ता राजेश कुंटे की ओर से कोर्ट में कहा गया कि आरएसएस की महिमा को पिछले 60 सालों से खराब करने का प्रयास हो रहा है| 
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जब भी चुनाव होते हैं या विशेष वर्ग के साथ कुछ होता है तो ऐसे बयान दिए जाते हैं हालांकि कपिल सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक बयान कोर्ट में नहीं दिए जाने चाहिए| जाहिर है कि महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस के लोगों का हाथ बताने वाले टिपण्णी पर राहुल गांधी के विरुद्ध आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई|
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राहुल ने ट्रायल रद्द करने की मांग की| पिछली सुनवाई में राहुल गांधी ने पहली बार कोर्ट में कहा था कि उन्होंने आरएसएस संगठन को क़सूरवार नहीं ठहराया था और बॉम्बे हाईकोर्ट में भी यही हलफनामा दाखिल किया था| इसी बेसिस पर राहुल को आपराधिक मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के इशारे मिले थे|  


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