जिला न्यायाधीश एके विश्वेश द्वारा बर्खास्तगी का मतलब है कि दीवानी मुकदमों पर विस्तार से सुनवाई की जाएगी और सबूतों की जांच की जाएगी। 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दीवानी मुकदमे में शामिल मुद्दों की जटिलता को रेखांकित करते हुए वाराणसी सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष लंबित ज्ञानवापी विवाद को जिला न्यायाधीश को स्थानांतरित कर दिया था।
हिंदू पक्ष ने कहा कि मस्जिद मंदिर स्थल पर बनाई गई थी, जबकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि मस्जिद वक्फ परिसर में बनाई गई थी और पूजा स्थल अधिनियम ने इसके चरित्र को बदलने पर रोक लगा दी थी। न्यायाधीश विश्वेश ने जून में याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। मीडिया को कार्यवाही देखने की अनुमति नहीं दी गई।
जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले में दखल देने से पहले दीवानी मुकदमों पर मस्जिद समिति की आपत्तियों पर वाराणसी जिला अदालत के फैसले का इंतजार करेगा।
click and follow Indiaherald WhatsApp channel