नयी दिल्ली। आज यानि 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। इस मौके पर देशभर के तमाम शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। हर तरफ हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है साथ ही पूरा संसार शिवमय नजर आ रहा है। वहीं बैद्यनाथ, काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ, नीलकंठ महादेव मंदिर समेत उज्जैन के महाकालेश्वर मन्दिर और शिवालय में में खास पूजा की गई।
सावन के पहले सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया। जिसमें दूध, दही, घी, शहद व फलों के रसों से अभिषेक हुआ।
शिव भक्तों के लिए सावन के महीने का विशेष महत्व होता है खासतौर से सोमवार के दिन का। इस बार 22 जुलाई को सावन का पहला सोमवार पड़ रहा है। अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की पूजा की जाती है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पाया जा सकता है। ऐसे में भक्त भगवान भोले को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को क्या-क्या करना चाहिए हम आपको बताएंगे।
सावन के सोमवार को ऐसे करें भगवान शिव की पूजा-
सबसे पहले सुबह स्नान करें और शिव मंदिर जाएं।
मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
घर से नंगे पैर मंदिर जाएं।
मंदिर में खड़ें होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें।
दिन में सिर्फ फलाहार करें।
शाम के समय भगवान शिव के मंत्रों का फिर जाप करें और उनकी आरती करें।
इन 15 चीजों से करें पूजन
भगवान शिव की पूजा करते समय भक्तों को उनकी पसंद की चीजों का ख्याला जरूर रखना चाहिए। सबसे पहले सुबह स्नान करें और किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चंदन, धतूरा, आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, चावल, फल, दूध, मिठाई, नारियल, पंचामृत, दक्षिणाए सूखे मेवे, मिश्री, पान शिवलिंग पर चढ़ाएं।
सावन में शिव पूजा और सोमवार के व्रत से मिलेगा ये लाभ...
1. सोमवार व्रत का संकल्प सावन में लेना सबसे उत्तम होता है। सावन के अलावा सोमवार का व्रत अन्य महीनों में भी किया जा सकता है।
2. कुंडली में आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थितियों की समस्या हो इससे भी छुटकारा मिलता है।
3. सोमवार का दिन चंद्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं इसलिए इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है।
पार्वती ने किया तप तो मिले शिव
भगवान शिव को पार्वती ने पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की. अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं।
यही कारण है कि इस महीने क्वांरी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं। यह भी मान्यता हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था। इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं।