बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। आपदा विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 106 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि गैर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इसकी संख्या 194 है। इस बीच मौसम विभाग के अनुसार बिहार के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश के आसार हैं। इसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी कर दिया है।
नेपाल में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट
नेपाल के मौसम विभाग ने भी वहां भारी बारिश की संभावना जताई है। इसको लेकर नेपाल में रेड अलर्ट भी जारी किया गया है। जाहिर है नेपाल में अगर भारी बारिश होती है तो इसका सीधा असर बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों में पड़ेगा।
दोगुना डिस्चार्ज हुआ पानी
इस बीच नेपाल की ओर से पानी डिस्चार्ज भी दो दिन में लगभग दोगुना हो गया है. गंडक बराज, नारायण घाट नेपाल में 23 जुलाई के 69400 क्यूसेक के मुकाबले 24 जुलाई को 111700 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ है।नेपाल में बारिश का बिहार में असरदरअसल नेपाल के ऊपरी इलाके में हुई बारिश का पानी बिहार के निचले इलाके में तबाही लाती है. जाहिर है इससे बिहार के नेपाल लगे इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं। आशंका जताई जा रही है कि पहले से बुरी तरह बाढ़ प्रभावित इलाकों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
12 जिलों के 1123 पंचायत बाढ़ प्रभावित
बता दें कि फिलहाल 69 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, लोगों की राहत के लिए 54 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने शरण ले रखी है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 12 जिलों के 1123 पंचायतों में 69.27 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
मोतिहारी में सबसे अधिक मौत
मौत के गैर आधिकारिक आंकड़ों पर जिलावार नजर डालें तो मोतिहारी में बाढ़ से अब तक 49, सीतामढ़ी में 34, मधुबनी में 23, दरभंगा में 20, पूणियां, अररिया और कटिहार में 14-14, शिवहर में 11 मौतें हो चुकी है।
12 जिले हैं बाढ़ प्रभावित
वहीं, किशनगंज में अब तक 7, सहरसा में 4, सुपौल और समस्तीपुर में 2-2 लोगों की मौत हुई है। बता दें कि शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार और पूर्णिया में जुलाई महीने की शुरुआत से ही बाढ़ का कहर है।
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