इस योजना में गोमती नदी की 22 सहायक नदियों में से 19 का कायाकल्प भी शामिल है जो सूख गई हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, लोक भारती और नेहरू युवा केंद्र जैसे सामाजिक और सरकारी संगठन लोगों को जागरूक करने और नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए एक अभियान शुरू करने के लिए एक साथ आए हैं।
यह अभियान राज्य भर में 6 अप्रैल से शुरू होने वाला है और 3 मई तक चलेगा। लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कई संगठन मिलकर काम करेंगे। साथ ही नदियों के किनारे पीपल, बरगद, पाकर, गूलर और आम के पेड़ लगाने का अभियान भी चलाया जाएगा। लुप्त हो चुके कुओं का रख-रखाव और उन्हें रिचार्जिंग कूपों में बदलने के लिए कुओं को साफ करने और उनके अंदर बारिश के पानी को पुनर्निर्देशित करने की व्यवस्था की जाएगी। ग्रामीणों को उपयोगी और औषधीय पौधे लगाना भी सिखाया जाएगा, जिससे तालाबों के किनारे गांव के जंगल बनेंगे।
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