युद्ध के लिए यह कोई युग नहीं यूक्रेन पर रूस के युद्ध के संदर्भ में भारत के बयान को सार्वभौमिक सिद्धांत नहीं बनाया जा सकता है। चीनियों ने लद्दाख क्षेत्र को हड़प लिया, जिसे 1996 में चीन द्वारा भारत के हिस्से के रूप में पारस्परिक रूप से सहमत किया गया था। फिर भी चीन ने 2020 में एलएसी को पार कर लिया। यह आक्रामकता है और युद्ध इसका समाधान है।
सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है, और मैंने इस बारे में आपसे फोन पर बात की है। अपने जवाब में पुतिन ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया था कि वह यूक्रेन संकट को लेकर भारत की चिंताओं से वाकिफ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रूस इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा।
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