
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित बैठक के दौरान प्रधानमंत्री से मुलाकात कर राज्य की प्रमुख आधारभूत परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार से समर्थन और अनुमोदन मांगा। उन्होंने चार अहम क्षेत्रों पर विस्तृत प्रस्तुति दी:
हैदराबाद मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार
रीजनल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर
सेमीकंडक्टर ईकोसिस्टम का विकास
रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन
हैदराबाद मेट्रो फेज-2 के लिए अनुरोध
सीएम रेड्डी ने हैदराबाद मेट्रो रेल फेज-2 के लिए कैबिनेट मंजूरी की मांग की, जिसमें 5 कॉरिडोर में 76.4 किलोमीटर विस्तार प्रस्तावित है। पहले चरण में 69 किमी मेट्रो पहले से चालू है जिसे ₹22,000 करोड़ की लागत से पूरा किया गया था।
नए प्रस्ताव के वित्तीय ढांचे के अनुसार:
1) केंद्र सरकार: 18% (₹4,230 करोड़)
2) राज्य सरकार: 30% (₹7,313 करोड़)
3) ऋण वित्तपोषण: 48% (₹11,693 करोड़)
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने 10 वर्षों में कोई विस्तार कार्य नहीं किया, जबकि वर्तमान सरकार ने विस्तृत प्रस्ताव केंद्र को सौंपे हैं।
रीजनल रिंग रोड और रेलवे
मुख्यमंत्री ने हैदराबाद के चारों ओर रीजनल रिंग रोड की मांग दोहराई, जिसमें सांगारेड्डी से चौटुप्पल तक का उत्तरी कॉरिडोर और दक्षिणी भाग शामिल है। उन्होंने दोनों हिस्सों को एकसाथ विकसित करने की आवश्यकता बताई, ताकि ट्रैफिक बोझ का समाधान हो सके और लागत न बढ़े।
रेड्डी ने साथ ही रीजनल रिंग रेलवे और बंदर पोर्ट से हैदराबाद तक एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा, जिससे फार्मा सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा।
सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन
रेड्डी ने केंद्र से इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के तहत तेलंगाना को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने बताया कि राज्य में AMD, Qualcomm, NVIDIA, और Foxconn, Kaynes जैसी कंपनियों की मौजूदगी है, जो इसे $500 बिलियन इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन लक्ष्य के लिए उपयुक्त बनाती है।
रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा
रेड्डी ने केंद्र से हैदराबाद-बैंगलोर रक्षा कॉरिडोर की आधिकारिक अधिसूचना, डिफेंस MSMEs के लिए PLI योजना, और तेज़ मंजूरी प्रक्रिया की मांग की। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में Lockheed Martin, Boeing, GE, Safran, Honeywell जैसी वैश्विक कंपनियां पहले से मौजूद हैं। उन्होंने अगले डिफएक्सपो की मेज़बानी हैदराबाद को देने की भी मांग की।
मुख्यमंत्री रेड्डी ने यह सभी मांगें NITI आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान उठाईं और बाद में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी से भी मुलाकात की।