
उमर ने आगे कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता लोकतंत्र की पहचान है। उन्होंने आगे कहा, भारत एक बड़ा लोकतंत्र है लेकिन लोकतंत्र केवल शब्दों में नहीं हो सकता बल्कि कर्मों में भी होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, नियंत्रण का यह कदम, असहिष्णुता का माहौल इस देश के लिए अच्छा नहीं है।
इससे पहले बुधवार को, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता ने यह विचार रखा कि पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के सभी घटक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसकी बी और सी टीमों को बनाए रखने के लिए आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय पीएजीडी नेताओं के पास है।
उमर ने कहा, मैं पीएजीडी का पदाधिकारी नहीं हूं, लेकिन यह मेरी निजी राय है कि पीएजीडी को बीजेपी और उसकी बी और सी टीमों को वोट बांटने से रोकने के लिए एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। लेकिन अंतिम फैसला पीएजीडी को ही लेना है। पार्टी मुख्यालय नवा-ए-सुभ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा। उनका यह बयान उन खबरों के बीच आया है कि परिसीमन आयोग कुछ दिनों में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपने जा रहा है।