शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को भारत की रणनीतिक और संचालन क्षमताओं में आई जबरदस्त प्रगति का प्रमाण बताते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, समय पर और सटीक खुफिया सूचनाएं और भारतीय सशस्त्र बलों की सटीक मारक क्षमता का नतीजा है।
“ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री मोदी की अटल नीतिक इच्छाशक्ति, हमारी खुफिया एजेंसियों की सटीकता और तीनों सेनाओं की अचूक स्ट्राइक कैपेबिलिटी का अनूठा प्रतीक है,” — अमित शाह
राष्ट्रीय खुफिया समन्वय को मिलेगी नई शक्ति
नया MAC सेंटर, जो कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के तहत काम करता है, देश की विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच बिना रुकावट सूचना साझा करने और समन्वय के लिए मुख्य मंच के रूप में काम करेगा। इससे रियल-टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग, प्रतिक्रिया क्षमता और आतंकवाद एवं उग्रवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए एजेंसियों के बीच तालमेल में भारी सुधार की उम्मीद है।
शाह ने कहा कि आज देश को "भविष्य के लिए तैयार सुरक्षा तंत्र" की ज़रूरत है, जो हर बदलती चुनौती का सामना करने में सक्षम हो — खासकर आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी जटिल समस्याओं के खिलाफ।
AIIMS में 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' के जांबाज़ों से मिले शाह
उद्घाटन से एक दिन पहले, अमित शाह ने दिल्ली के AIIMS ट्रॉमा सेंटर का दौरा कर ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में घायल हुए पांच सुरक्षा कर्मियों का हालचाल जाना। यह ऑपरेशन छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के करेगुट्टा पहाड़ी इलाकों में चलाया गया था, जो 21 दिनों तक चला और 31 शीर्ष नक्सलियों के खात्मे के साथ समाप्त हुआ।
घायल हुए जवानों में शामिल हैं:
असिस्टेंट कमांडेंट सागर बोराडे (204 कोबरा बटालियन)
हेड कांस्टेबल मुनीश चंद शर्मा (203 कोबरा)
कांस्टेबल धनु राम (204 कोबरा)
कांस्टेबल कृष्ण कुमार गुर्जर (196 सीआरपीएफ)
कांस्टेबल संतोष मुरामी (जिला रिजर्व गार्ड, छत्तीसगढ़ पुलिस)
शाह ने डॉक्टरों से इलाज की स्थिति पर जानकारी ली और जवानों की हिम्मत को सलाम किया।
2026 तक नक्सलवाद का खात्मा तय — शाह
शाह ने ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट को "ऐतिहासिक सफलता" करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार 2026 तक देश को नक्सल-मुक्त बना देगी।
“मैं फिर से देशवासियों को आश्वस्त करता हूं कि 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।” — अमित शाह ने X पर कहा।
रक्षा रणनीति में बड़ा बदलाव
लगातार दो बड़ी कार्रवाई — ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट और ऑपरेशन सिंदूर, और अब MAC सेंटर का शुभारंभ — यह सब दर्शाता है कि भारत की आंतरिक सुरक्षा रणनीति अब प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि सक्रिय और रोकथाम आधारित बन रही है। मल्टी-एजेंसी समन्वय, आधुनिक टेक्नोलॉजी और निर्णायक नेतृत्व के जरिए सरकार देश को सुरक्षा के एक नए युग में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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