
थल सेनाध्यक्ष (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मध्य प्रदेश के चित्रकूट में स्थित आध्यात्मिक गुरु जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के आश्रम का दौरा किया, जहाँ उन्होंने आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान जगद्गुरु ने सेना प्रमुख से स्पष्ट आग्रह किया कि पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत में वापस लाया जाए।
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया कि बुधवार को जब सेना प्रमुख श्री तुलसी पीठ, चित्रकूट धाम आए, तो उन्हें वह राम मंत्र दीक्षा के रूप में दिया गया, जो माँ सीता ने हनुमान जी को दिया था और जिसकी शक्ति से हनुमान जी ने लंका विजय की थी।
सेना प्रमुख ने आश्रम में संतो और विद्यार्थियों से भी मुलाकात की और कहा कि भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को भी महत्व देती है।
जगद्गुरु ने कहा, “सेना प्रमुख मेरे पास आए। मैंने उन्हें वही राम मंत्र दीक्षा स्वरूप दिया जो हनुमान जी को सीता जी से मिला था। जब ‘दक्षिणा’ की बात आई, तो मैंने कहा कि मैं एक ऐसी दक्षिणा मांगूंगा जो किसी गुरु ने कभी न मांगी हो। मैंने कहा – मुझे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) चाहिए। उन्होंने मेरी बात स्वीकार की। हम पाकिस्तान को उचित उत्तर देने के लिए तैयार हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र
यह उल्लेखनीय है कि थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाई।
इस ऑपरेशन की जानकारी को लेकर भारतीय सेना ने एक पुस्तिका भी जारी की, जिसमें सेना के शीर्ष अधिकारियों द्वारा पाकिस्तान पर निगरानी रखने वाले ऑपरेशन रूम की तस्वीरें भी हैं। पुस्तिका में सेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख की तस्वीरें भी शामिल हैं।
भारत ने यह ऑपरेशन 7 मई को उस पाहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें 22 अप्रैल को आतंकियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय गाइड की नृशंस हत्या कर दी थी। भारत ने सटीक प्रहारों के ज़रिए पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया।
भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी आक्रामकता का सख्ती से जवाब देते हुए उसके एयरबेस तक को निशाना बनाया। इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा भारतीय समकक्ष को फोन करने के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।