चीन ने अमेरिका द्वारा चीनी छात्रों के वीज़ा रद्द किए जाने के फैसले का कड़ा विरोध किया है और इस कदम को "अनुचित" और "स्वतंत्रता के अमेरिकी दावों की दोहरी नीति" करार दिया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि यह निर्णय अमेरिका की राजनीति से प्रेरित है और इससे वॉशिंगटन की छवि और साख को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने कहा, "चीनी छात्रों के वीज़ा रद्द करने का अमेरिकी फैसला पूरी तरह से अनुचित है। विचारधारा और राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बनाकर लिया गया यह कदम अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वैध अधिकारों और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है और दोनों देशों के बीच जन-संपर्क को बाधित करता है। चीन इस कार्रवाई का दृढ़ता से विरोध करता है और अमेरिका से इसका विरोध दर्ज कराया है।"
लिन जियान ने आगे कहा, "यह राजनीति से प्रेरित और भेदभावपूर्ण कदम अमेरिकी 'स्वतंत्रता और खुलेपन' के दावों की दोहरी नीति को उजागर करता है और अमेरिका की खुद की छवि को धूमिल करेगा।"
बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने घोषणा की कि अमेरिका चीनी छात्रों के वीज़ा रद्द करना शुरू करेगा, खासकर उन छात्रों का जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैं या संवेदनशील क्षेत्रों में पढ़ाई कर रहे हैं।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में रुबियो ने लिखा, “अमेरिका चीनी छात्रों के वीज़ा रद्द करना शुरू करेगा, खासकर उन छात्रों के जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैं या महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे हैं।”
यह फैसला अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और गहरा करता है, खासकर उस समय जब दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध चल रहा था। राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर पारस्परिक शुल्क (reciprocal tariffs) लगाने की चेतावनी दी थी, जिससे दोनों देशों ने एक-दूसरे की वस्तुओं पर भारी शुल्क लगा दिए थे।
हालांकि, 12 मई को दोनों देशों ने एक समझौते पर पहुंचकर पहले से घोषित शुल्क वापस ले लिए। फिलहाल, चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा रहा है, जबकि अमेरिका चीनी वस्तुओं पर करीब 30 प्रतिशत टैक्स वसूल रहा है।
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