केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पर्यावरण से प्रदूषण कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए खाना बनाने के लिए एक बार इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल का दोबारा इस्तेमाल को लेकर नया तरीका निकाला है. अब इस बचे तेल से बायोडीजल (Bio Diesel) बनाया जाएगा. आपको बता दें कि कुकिंग ऑयल (Cooking Oil) एक बार इस्तेमाल होने के बाद फिर से यूज करने पर सेहत को बड़ा नुकसान पहुंचाता है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (HPCL, BPCL, IOC) Indian Oil Corporation Ltd, Bharat Petroleum और Hindustan Petroleum) अब  बायोडीजल बनाने को लेकर प्राइवेट कंपनियों से समझौता करेंगी, जो बायोडीजल बनाने के लिए प्लांट लगाएंगी. शुरुआत में तेल कंपनियां बायोडीजल 51 रुपये प्रति लीटर लेंगी और दूसरे साल इसकी कीमत बढ़कर 52.7 रुपये लीटर होगी और तीसरे साल बढ़कर 54.5 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी.



इस फोन नंबर पर कॉल कर जमा करवाएं अपना यूज्ड कुकिंग ऑयल- IOC की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, अब कोई भी 1800112100 पर फोन कर यूज्ड कुकिंग ऑयल (एक बार इस्तेमाल होने के बाद बचा खाने वाला तेल) को जमा करवा सकते है.



क्या है योजना- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पहल की शुरुआत कर दी है. अब यूज हुए कुकिंग ऑयल को जमा करने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च की गई है. होटल और रेस्टोरेंट अपने यहां ऐसे स्टिकर लगाएंगे, जिसमें लिखा होगा कि वे बायोडीजल बनाने के लिए इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल की सप्लाई करते हैं.



इसके तहत सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां यूज हुए कुकिंग ऑयल से बायोडीजल के लिए प्लांट लगाने की इच्छुक प्राइवेट कंपनियों से बोलियां मंगाएंगी.


इसके बाद ये कंपनियां बायोडीजल को 51 रुपये प्रति लीटर की तय दर से खरीदेंगी. दूसरे साल में उसे बढ़ाकर 52.7 रुपये और तीसरे साल में 54.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा.



बता दें कि खाना पकाने के इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑयल के इस्तेमाल से हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस, अल्जाइमर और लीवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा होता है.
बॉयो-डी कंपनी देश की इकलौती कंपनी है जो इस्तेमाल किया गया कुकिंग ऑइल खरीद कर बायो डीजल में तब्दील करवाती है. दिल्ली और एनसीआर में कंपनी ने ऑयल का रेट 22 से 24 रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया है.



हालांकि कानपुर और लखनऊ में 15 रुपये में खरीदने की बात चल रही है. इसके पीछे ट्रांसपोर्टेशन में होने वाले खर्च का हवाला दिया जा रहा है. बाद में इसे 51 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है. ऐसे में रेट को लेकर होटल और रेस्टोरेंट के मालिक टेंशन में हैं.


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