केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE - Central Board of Secondary Education) ने छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड परीक्षा प्रणाली को और बेहतर करने की कोशिश कर रहा है। इस कड़ी में सीबीएसई ने योजना बनाई है कि अब 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा देने वाले किसी भी विद्यार्थी की मार्कशीट पर 'फेल' या 'कंपार्टमेंट' नहीं लिखा जाएगा।

 

 

 

बोर्ड का कहना है कि ये शब्द विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालते हैं। इसलिए इसी साल से बोर्ड इसमें बदलाव करने की तैयारी कर रहा है।

 

 

 


इस संबंध में एनडीटीवी से हुई बातचीत में सीबीएससी के अधिकारी सन्यम भारद्वाज ने बताया है कि बोर्ड ने इसके लिए एक समिति गठित की है। इस समिति की अध्यक्षता भारद्वाज ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'एक परीक्षा किसी विद्यार्थी का भाग्य तय नहीं कर सकती है। न ही इसके आधार पर किसी को 'फेल' कहा जा सकता है। ये शब्द विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और उन्हें डिप्रेशन में भी धकेल सकता है।'

 

 

 

सन्यम भारद्वाज के अनुसार, 'सीबीएसई द्वारा गठित समिति देशभर के सीबीएससी से संबद्ध स्कूलों व प्रचार्यों से सुझाव मांगेगी। उनसे मिले फीडबैक के आधार पर समिति सबसे अच्छे व सकारात्मक शब्दों का सुझाव सीबीएसई को देगी, जो मार्कशीट में 'फेल' और 'कंपार्टमेंट' की जगह ले सकते हों।'

 

 


सीबीएसई की कोशिश है कि ये नई योजना इसी साल की बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट से लागू कर दी जाए। हालांकि ये स्कूलों से मिले सुझावों पर निर्भर करेगा। अगर इस साल किसी कारणवश इसमें देर होती है, तो अगले साल से इसे जरूर लागू कर दिया जाएगा।

 

 

 


बता दें कि इस साल सीबीएसई कक्षा 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा में कुल 30,96,771 छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2020 से शुरू हो चुकी हैं।

 

 

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