
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बुमराह की फिजिकल वर्कलोड को देखते हुए चयनकर्ता जोखिम नहीं लेना चाहेंगे कि वो किसी लंबी सीरीज़ में कुछ मैच मिस कर दें, भले ही वे मुख्य कप्तान क्यों न हों।
"मुझे अंदाज़ा नहीं था कि रोहित और कोहली दोनों एक साथ संन्यास लेंगे," अश्विन ने अपने यूट्यूब शो 'अश की बात' में कहा। "यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक परीक्षण का समय होगा। मैं मानता हूं कि अब गौतम गंभीर युग की शुरुआत हो चुकी है।"
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली अगली भारतीय टेस्ट टीम एक बिल्कुल नई टीम होगी, जिसमें बुमराह सबसे सीनियर खिलाड़ी होंगे।
"मेरे हिसाब से बुमराह को कप्तानी मिलनी चाहिए। लेकिन चयनकर्ता उनके शारीरिक सामर्थ्य को ध्यान में रखकर फैसला लेंगे," उन्होंने जोड़ा।
कोहली-रोहित की विदाई से बनेगा नेतृत्व का शून्य
अश्विन ने यह भी माना कि विराट कोहली और रोहित शर्मा की लगातार रिटायरमेंट से टीम में लीडरशिप वैक्यूम बनेगा। उनका कहना है कि कोहली के पास कम से कम 1-2 साल का टेस्ट करियर बचा था, जबकि रोहित इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ तक जरूर खेल सकते थे।
"आप अनुभव नहीं खरीद सकते, खासकर विदेशी दौरों पर। कोहली की ऊर्जा और रोहित की संयमशीलता को टीम मिस करेगी," अश्विन ने कहा।
गिल और पंत बन सकते हैं भविष्य के लीडर्स
इस समय शुभमन गिल को अगला टेस्ट कप्तान और ऋषभ पंत को उप-कप्तान माना जा रहा है। लेकिन कोहली और रोहित जैसे दिग्गजों के बिना कप्तानी संभालना गिल के लिए बड़ा चैलेंज होगा।
गौरतलब है कि आर अश्विन ने भी इसी साल गाबा टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।