उन्नाव में जिंदा जलाई गई दुष्कर्म पीड़िता के परिजन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 लाख रुपये की सहायता और घर देने की घोषणा की है। साथ ही सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की भी सिफारिश करेगी। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने 'भाषा' को बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने पीड़िता के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त स्थानीय प्रशासन भी पीड़िता के परिजनों की अपने स्तर से हर संभव मदद करेगा। इससे पहले पीड़िता की मौत पर मुख्यमंत्री योगी ने दुख जताते हुए कहा कि मुक़दमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर अपराधियों को कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव घटना के सन्दर्भ में कहा है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और बालिका की मौत अत्यंत दुखद है। उनके द्वारा परिवार के प्रति पूरी संवेदना व्यक्त की गयी। सभी अपराधी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मुक़दमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाएंगे।''

 

इस बीच उन्नाव से मिली जानकारी के अनुसार उन्नाव पहुंचे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्‍यमंत्री की पूरी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं। आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जायेगी। उन्‍होंने बताया कि पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर भी मुहैया कराया जायेगा। इससे पहला पीड़िता के परिजन से मुलाकात करने पहुंचे मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और क्षेत्रीय सांसद साक्षी महाराज का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घेराव कर नारेबाजी की। उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण और सांसद साक्षी महाराज जब बिहार थाना क्षेत्र स्थित पीड़िता के गांव में उसके परिजन से मिलने पहुंचे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका पुरजोर विरोध किया।


पुलिस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो उन्होंने विरोध किया। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ा और दोनों मंत्रियों तथा सांसद को पीड़िता के घर पहुंचाया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्री मौर्य और कमल रानी वरुण को दिवंगत पीड़िता के परिजन से मुलाकात के लिये भेजा था।

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