अमरावती। हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के साथ गैंगरेप और फिर हत्या के बाद देशभर में फैले जन आक्रोश को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत एक नए कानून को बनाने की तैयारी की गई है, जिसमें बलात्कारियों को मौत की सजा देने का प्रावधान है।

 

मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में मौत की सजा का प्रस्ताव वाला बिल मंजूरी किया गया। इस नए कानून में एफआईआर दर्ज होने के 21 दिनों के भीतर सजा के साथ-साथ मुकदमा पूरा करने का प्रस्ताव है। 

 

वर्तमान समय में देश के कानून में रेप के दोषियों को मृत्युदंड देने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए अगर आंध्र प्रदेश विधानसभा में यह बिल पास हो जाता है तो, बलात्कार के मामलों में सजा-ए-मौत देने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा। सरकार ने एक बयान में कहा कि नया बिल, आंध्र प्रदेश आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2019 को आंध्र प्रदेश दिशा एक्ट कहा जाएगा। यह बिल गुरुवार को राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा।

 

साथ ही कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर लगाम कसने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट बनाने की स्वीकृति दी है। जबकि महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों के निपटारे के लिए सभी जिलों में विशेष कोर्ट स्थापित किए जाएंगे।

 

उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने महिला पशुचिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के चार आरोपियों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने पर तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और तेलंगाना पुलिस की प्रशंसा की थी। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया था कि उनकी सरकार महिलाओं के विरूद्ध अत्याचार के मामलों की त्वरित सुनवाई और उपयुक्त सजा सुनिश्चित करने के लिए कड़ा कानून बनाने के मकसद से विधानसभा के वर्तमान सत्र में एक बिल पेश करेगी।

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