सू ची की पार्टी ने जॉ से अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने को कहा था। सू ची की हिरासत की अवधि सोमवार को खत्म हो रही थी। उनपर अवैध तौर पर वॉकी टॉकी रखने का आरोप लगाया गया। बहरहाल, सू ची की हिरासत को बढ़ाने से सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ सकता है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सेना उनके द्वारा चुनी हुई सरकार को सत्ता वापस करे। गौरतलब है कि सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ले ली थी और सू ची समेत सरकार के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया था।
साथ में नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को संसद के नए सत्र में हिस्सा लेने से रोक दिया था। समूचे म्यांमा में सोमवार को भी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। हालांकि रविवार रात को अधिकारियों ने प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए देश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी और सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ा दी। देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले में हजारों इंजीनियरों ने सड़कों पर मार्च किया, नारेबाजी की तथा वे हाथों में तख्तियां पकड़े हुए थे जिनमें लिखा था,, ‘‘हमारी नेता को रिहा करो’’, ‘‘न्याय के साथ कौन खड़ा है?’’ और ‘‘आधी रात में लोगों को अवैध तरीके से गिरफ्तार करना बंद करो।’’ यंगून में इंटरनेट सेवा बंद होने और सड़कों पर सैन्य वाहनों की मौजूदगी की वजह से सोमवार को कम प्रदर्शनकारी जुटे। फिर भी म्यांमा केंद्रीय बैंक के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी थे जहां सैनिकों से भरे सैन्य ट्रक, दंगा रोधी पुलिस और वॉटर कैनन ट्रैक तैनात थे। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिस पर लिखा था, ‘‘सीडीएम (सविनय अवज्ञा आंदोलन) का समर्थन, म्यांमा बचाओ।’’ वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लिंग ने कहा है कि सरकार पिछले साल हुए चुनाव में धांधली के आरोपों की जांच करने में नाकाम रही, जिस वजह से सेना को दखल देना पड़ा। इस चुनाव में सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की जबर्दस्त जीत हुई थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने किसी भी धांधली से इनकार किया है।
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