उन्होंने कहा, जैसे कोई लोगों की बीमारी को ठीक करता है, वैसे ही हम कई बीमारियों की स्थिति को ठीक करने के लिए यह मुक्ति यज्ञ कर रहे हैं। और हम इसे ठीक करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि गुजरात की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए उनकी सरकार ने डॉक्टरों द्वारा बताई गई तीन चीजों का इस्तेमाल किया, दवा, सर्जरी और देखभाल।
स्वास्थ्य सेवा में पिछड़ापन, बिजली की कमी, पानी की कमी, कुशासन और खराब कानून व्यवस्था जैसी समस्याओं को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा, बीस या पच्चीस साल पहले कई बीमारियों ने गुजरात को पीड़ित किया था। उन्होंने कहा कि इन सभी बीमारियों की जड़ में सबसे बड़ी बीमारी थी जो वोट बैंक की राजनीति थी।
चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सावधानी और संवेदनशीलता के साथ काम किया। उन्होंने कहा, हम लोगों के बीच गए, उनकी समस्याएं साझा कीं, और इतना ही नहीं, मैं विनम्रता के साथ कह सकता हूं कि गुजरात पहला राज्य था (ऐसा करने वाला) जब हमने न केवल इंसानों के लिए बल्कि जानवरों के लिए भी स्वास्थ्य शिविर लगाए।
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