आईआईएएस ने कहा था कि शर्मा ने कंपनी को लाभदायक बनाने के लिए अतीत में कई वादे किए थे, लेकिन ये पूरा नहीं हुआ। स्क्रूटिनाइजर की रिपोर्ट के मुताबिक 99.67 फीसदी वोट शर्मा की फिर से नियुक्ति के पक्ष में थे जबकि केवल 0.33 फीसदी ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया।
जबकि शेयरधारकों ने शर्मा के साथ-साथ पेटीएम के अध्यक्ष और समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी मधुर देवड़ा के पारिश्रमिक को मंजूरी दी, लेकिन समर्थन उनकी पुनर्नियुक्ति के लिए देखे गए स्तर के समान नहीं था। लगभग 94.48 प्रतिशत शेयरधारकों ने शर्मा के पारिश्रमिक के पक्ष में मतदान किया और 5.52 प्रतिशत ने इसका विरोध किया।
देवड़ा के पारिश्रमिक को मंजूरी देने के प्रस्ताव के मामले में भी ऐसा ही मतदान देखने को मिला। 94.53 प्रतिशत शेयरधारकों ने देवड़ा के पारिश्रमिक का समर्थन किया जबकि 5.47 प्रतिशत ने इसका विरोध किया। संस्थागत निवेशक सलाहकार सेवा (आईआईएएस) ने शर्मा और देवड़ा दोनों के पारिश्रमिक के खिलाफ सिफारिश की थी। इसमें कहा गया है कि शर्मा का पारिश्रमिक सभी एसएंडपी, बीएसई, सेंसेक्स कंपनियों के सीईओ से अधिक है और इनमें से ज्यादातर कंपनियां मुनाफे में हैं।
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