गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कश्मीर के विषय पर बात चित का जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर में अशांति की कई घटनाओं के पीछे पाकिस्तान जिम्मेदार है| उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर पर चर्चा होगी, कश्मीर पर नहीं| राजनाथ ने कहा कि "सदन में आज हुई बहस स्वस्थ लोकतंत्र का एक अच्छा उदाहरण है, मेरी जिम्मेदारी है कि मैं संसद को बताऊं कि सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर क्या कदम उठाए हैं|"
गृह मंत्री ने सदन को बताया कि घाटी में पत्थरबाजी के हादसों में लगभग 100 एंबुलेंसों को हानि पहुंची, इसके बावजूद 400 और एंबुलेंसों को घायलों की सेवा के लिए लगाया गया है| उन्होंने कहा कि घाटी में झड़पों में 4500 सुरक्षाकर्मी ज़खमी हुए हैं| सुरक्षा बलों को अधिक से अधिक संयम रखने का निर्देश दिया गया है| साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पक्ष में नारेबाजी को सहन नहीं किया जाएगा| राजनाथ ने कहा कि "यह पहली बार नहीं है, जब पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन हम इसके इस्तेमाल को जायज ठहराना नहीं चाहते|

दूसरे गैर-घातक हथियारों के इस्तेमाल की संभावनाओं पर चर्चा करने की जरूरत है| हमने विकल्प सुझाने के लिए एक कमिटी बनाई है, जो 2 महीने में रिपोर्ट देगी|" गृह मंत्री ने सदन को बताया कि कश्मीर वार्ता पर शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक होगी| राजनाथ ने कश्मीर में आईएसआईएस के झंडे लहराए जाने और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की घटनाओं पर गहरा एतराज़ जताते हुए कहा कि भारत की धरती पर यह नहीं चलेगा|
बात चित के दौरान कांग्रेस सहित कुछ दलों के सदस्यों द्वारा जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल भेजकर बातचीत करने के सुझाव पर गृहमंत्री ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया जारी है| उन्होंने खुद 23-24 जुलाई को श्रीनगर एवं अनंतनाग जाकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से चर्चा की थी|