अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 और 25 फरवरी को भारत दौरे पर होंगे. भारतीय उद्योग जगत को उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस महीने के आखिर में होने वाली पहली भारत यात्रा के ठोस परिणाम होंगे.


उद्योग जगत के मुताबिक इस दौरान दोनों देशों के बीच छोटे स्तर पर एक व्यापार समझौता और अमेरिकी कंपनियों द्वारा बड़े स्तर पर निवेश प्रतिबद्धताएं किये जाने की संभावना है. एक उद्योग संगठन ने कहा कि दोनों देश कुछ खास मुद्दों के समाधान और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं.

 

भारत इस्पात और एल्युमिनियम के कुछ उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्कों में छूट की मांग कर रहा है. इसके अलावा भारत ने वरीयता की सामान्यीकृत प्रणाली (जीएसपी) के तहत कुछ खास घरेलू उत्पादों पर निर्यात लाभ बहाल करने और कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटो और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के उत्पादों को अधिक बाजार पहुंच देने की मांग भी की है.

 

दूसरी ओर, अमेरिका अपने कृषि और विनिर्माण उत्पादों, डेयरी वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों, डेटा स्थानीयकरण क्षेत्र में अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहा है, उसने कुछ सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उत्पादों (ICT) पर आयात शुल्क में कटौती की मांग भी की है. इसके अलावा उसने भारत के साथ ऊंचे व्यापार घाटे पर भी चिंता जताई है. 

 

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि भारतीय उद्योग ने अमेरिका में अपना निवेश और रोजगार सृजन बढ़ाया है, ऐसे में हमें अमेरिका में काम कर रही प्रमुख भारतीय कंपनियों के साथ राष्ट्रपति ट्रंप के संवाद की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि छोटे स्तर पर एक व्यापार समझौता होने की उम्मीद काफी अधिक है, जिससे अधिक व्यापक आर्थिक साझेदारी की आधारशिला तैयार होगी.

 

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, 'भारत और अमेरिका के व्यापार वार्ताकार द्विपक्षीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान ट्रंप के स्वागत समारोह की मेजबानी करेंगे. ऐसे में दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को एक निर्णायक बढ़त देंगे.'

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर ट्रंप 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति 25 फरवरी को यहां देश के शीर्ष कारोबारियों से मिलेंगे. राष्ट्रीय राजधानी में ट्रंप के साथ सीईओ की एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह के साथ ही शीर्ष अमेरिकी कार्यपालक भी शामिल हो सकते हैं.

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