ये उन लोगों के लिए अच्छी खबर है, जो लॉकडाउन की वजह से अपने घर से दूर कहीं फंस गए हैं. दरअसल, भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रेलवे 1 मई से अबतक 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला चुकी है और इनके जरिये 36 लाख प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंच चुके हैं। रेलवे ने अगले 10 दिनों में 2600 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की योजना बनाई है और इनके लिए और 36 लाख मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि सामान्य स्थिति की ओर लौटने के प्रयास में रेल मंत्रालय 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले चार दिनों से औसतन प्रतिदिन 260 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं और प्रतिदिन तीन लाख श्रमिक इनका फायदा उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य सरकार से हमें अनुरोध प्राप्त होता है तो हम राज्य के भीतर भी किसी भी स्टेशन से ट्रेन चलाने के लिए तैयार हैं। यादव ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन में यात्रा करने वाले 80 प्रतिशत श्रमिक उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन का परिचालन 1 मई से शुरू किया गया। इनमें मुफ्त भोजन और पेय जल सभी यात्रियों को उपलब्ध कराया जाता है। सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता मानकों का पूरा पालन ट्रेनों व स्टेशनों के भीतर किया जा रहा है। यादव ने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनें तबतक चलती रहेंगी जबतक सभी मजदूर भाई अपने घर नहीं पहुंच जाते।
पिछली जनगणना के अनुसार देश में 4 करोड़ प्रवासी मजदूर हैं और रेलवे ने अभी तक 36 लाख मजदूरों को ट्रेनों के जरिये उनके गृह राज्य पहुंचाया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि इंटर स्टेट बसों के जरिये भी 40 लाख मजदूर अपने घर पहुंच चुके हैं।
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